गरियाबंद : डोकरेल नाला में पुलिया की मांग, करीब 800 ग्रामीण प्रभावित

● सुनो सरकार ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला का नाम विश्व विख्यात है देश विदेशों में जाना जाता है यहाँ के धरती में अनमोल हिरे रत्नों का भंडार है! पर जमीनी स्तर पर यहाँ के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते हुए नजर आते हैं ऐसा ही एक मामला सामने आया है गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर के ग्राम चलनापदर पोड़पारा के बीच डोकरेल नाला में पुलिया निर्माण वर्षों के लंबित मांग अब तक पूरा नहीं हो पा रहा है पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर है इस बीच तीन पाराटोला के करीब आठ सौ ग्रामीण पोडपारा, माँझीपारा, और मुंशीपारा के लोग नाला पर पुल नही होने के कारण बरसात के इन दिनों लोग जान हथेली में रखकर डोकरेल नाला को पार करने में मजबूर है। लिहाजा ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की है बता दें चलनापदर पोड़पारा के मध्य आजादी के आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इस इलाके के सैकड़ों ग्रामीणों को बरसात के दिनों में राहत अब तक नहीं मिल पा रहा है बारिश के दिनों में यह ग्रामीण अपने घरों में दुबक कर रह जाते हैं। चलनापदर पोड़पारा के मध्य एक बड़ा सा नाला डोकरेल नाला है जिसमें तेज गति से पानी चलता है नीचे पत्थरों के जमावड़ा होने के चलते फिसलन भी अधिक बढ़ गया है थोड़ी सी चूक पर आदमी की जान भी जा सकती है और यह सिलसिला आज या कल का नहीं है विगत कई वर्षों से चली आ रही है और इस जगह में पुलिया निर्माण करने की मांग को लेकर ग्रामीण आए दिन पंचायत स्तर पर व उच्च अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से पुलिया के मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है लिहाजा ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ गया है आक्रोश है


● अब तक किसी ने नही लिया संज्ञान, कैसे होगा समस्या का समाधान

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार इस समस्या के निराकरण करने अब तक कोई शुध लेने नहीं पहुंचा है बस चुनाव के समय आते हैं वोट के लिए वहीं पुलिया के अभाव से लागातार ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बारिश के दिनों में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो जाता है लबालब पानी चलने के कारण इस छोर से उस छोर पार करना असंभव सा हो गया है और अब तक इस जगह कई हादसे भी हो चुके हैं कई दुर्घटना का लोग शिकार हो चुके हैं और इन समस्याओं का समाधान करने अब तक कोई अधिकारी पंचायत के प्रमुख जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर मदद करने नहीं पहुंचे हैं जबकि कई जगह ग्रामीण अपना समस्या जाहिर कर चुके हैं वाबजूद उनकी मांग अधूरा ही रह गया है।

● आपातकाल में अति दयनीय स्थिति, बच्चे स्कूल नहीं जाते राशन मिलना भी मुश्किल

डोकरेल नाला में चलना डोंगरी व आसपास के सारे पानी इकट्ठे होकर इस नाले के पानी की मात्रा को और ज्यादा बढ़ा देता है जिस पर हल्की बारिश होने से भी तेज प्रवाह शुरू हो जाता है बरसात की इन दिनों इन ग्रामीणों का मुख्यधारा से संपर्क टूट जाता है जरूरत के सामान उन तक नहीं पहुंच पाता है राशन पानी कपड़े मेडिकल व अन्य तरह के आवश्यक चीजें ग्रामीणों तक उपलब्ध नहीं हो पाता वहीं मिडिल व हाईस्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते डोकरेल नाला के पार पोडपारा, माँझीपारा और मुंशी पारा से बीस विद्यार्थी मिडिल और उच्च शिक्षा के लिये चलनापदर और गोहरापदर में प्रवेश लिये है पुल ना होने के वजह से यहाँ के बीस से अधिक विद्यार्थीयों को हर साल बरसात के दिनों शिक्षण कार्य से बंचित होना पड़ेगा रहा है। बतादें यह एकमात्र पहुंच मार्ग जिसके जरिए चलना पदर पंचायत या गोहरापदर नेशनल हाईवे 130 तक पहुंचा जा सकता है और यही मार्ग बारिश के दिनों में डोकरेल नाला रोड़ा बन कर खड़ा हो जाता है जिस वजह से ग्रामीणों को बरसात के महीने में घर के चारदीवारी पर ही दिन काटना पड़ता है रोजी रोटी के लिए तरसते रह जाते हैं। वहीं दूसरी ओर आपातकालीन मेडिकल जैसे समय में दयनीय स्थिति से ग्रामीण गुजरते हैं क्योंकि आवाजाही का मार्ग ही बाधित हो जाए तो भला ग्रामीण किस तरह से मरीज को नदी पार कराकर अस्पताल तक पहुंचा सकेंगे इस तरह की अनेक समस्याओं का सामना ग्रामीणों को इन दिनों में करना पड़ रहा है पर सरकार अब तक इन्हीं ग्रामीणों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है यहाँ के ग्रामीण सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं देखना यह होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद सरकार इन ग्रामीणों के प्रति आगे क्या कदम उठाता है


● जनप्रतिनिधियों के झूठे आश्वासन, क्या इस समस्या से अनजान हैं प्रशासन?

चलनापदर के डोकरेल नाला में ग्रामीणों के मांग के बाद भी अब तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। पुलिया निर्माण नहीं होने से बरसात के दिनों ग्रामीणों का आवाजाही बंद रहता है। ग्रामीण कई बार इस नाले पर पुल की माँग कर चुके है पर उन्हें झूठे आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। सुखे के दिनों पर गाँव तक सब पहुँकर ग्रामीणों को आश्वासन देते है पर किसी ने इस समस्या से उन्हें निजात नहीं दिलाया गाँव वाले पुल की माँग रख अब थक हार चुके है। बतादें ग्राम पंचायत चलनापदर के तीन पाराटोला के करीब आठ सौ ग्रामीण प्रभावित है डोकरेल नाला के उस पार पोडपारा, माँझीपारा, और मुंशीपारा ये तीन आश्रित पारा है नाला पर पुल नही होने के कारण ये तीन पारा का बरसात के दिनों पंचायत मुख्यालय चलनापदर से सम्पर्क टुट जाता है वही सुखे के दिनों में भी नाला में बड़े बड़े चट्टान होने के वजह से आवाजाही में खतरा बना रहता है और ऐसा भी नहीं की ग्रामीणों पंचायत मुख्यालय या ब्लाक मुख्यालय तक पहुंचने के लिये कोई और रास्ता हो इसवजह से टापु के तीन आश्रित पारा के आठ सौ लोगो को आवाजाही को लेकर चिंता बनी रहती है। गाँव के अर्जुन पोर्ते, उपेन्द्र शतपथी सहित कई ग्रामीणों का कहना है पांच साल में चुनाव के दौरान नेता गाँव तक पहुँचते है पुलिस निर्माण का आश्वासन भी मिल जाता है वोट बटोरकर चले जाते है फिर पलटकर गाँव की ओर नही देखते गाँव वालो के पुल का सपना फिर अधूरा रह जाता है। बीते पन्दह वर्षों में कई विधानसभा उम्मीदवार कई जनपद और जिला पंचायत सदस्य के स्थानीय उम्मीदवार ने भी आश्वासन दिया पर अमल नहीं कराया।

छत्तीसगढ़ स्टेट ब्यूरो चीफ उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation

[छत्तीसगढ़ एवं ओडिसा स्टेट में पत्रकार (संवादाता) रिपोर्टर एवं जिला ब्यूरो संभाग ब्यूरो चीफ की आवश्कता है इच्छुक व्यक्ति संपर्क करें,(9399128806)]

Sunil Kumar Dhangadamajhi

𝘌𝘥𝘪𝘵𝘰𝘳, 𝘠𝘢𝘥𝘶 𝘕𝘦𝘸𝘴 𝘕𝘢𝘵𝘪𝘰𝘯 ✉yadunewsnation@gmail.com

http://yadunewsnation.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *