भिवंडी, (सुरेश यादव): भिवंडी की पत्रकारिता मे हिन्दी पत्रकारिता का सराहनीय योगदान रहा है। भिवंडी मे कभी एक दर्जन से ज्यादा साप्ताहिक हिंदी समाचार पत्र का प्रकाशन हुआ करता था। कुछ माह तक पत्रकार खान फखरे आलम ने दैनिक भिवंडी शक्ति समाचार भी प्रकाशित किया था। भिवंडी से पत्रकार गजेन्द्र सिंह सिकरवार जन मीमांसा नाम से हिंदी मासिक पत्रिका का भी प्रकाशन कर चुके है। एक छोटे से शहर जहा हिन्दी भाषी पाठक की एक सीमित संख्या हो। वहा हिन्दी भाषा के दैनिक, साप्ताहिक समाचार-पत्र और मासिक पत्रिका का प्रकाशन यह साबित करता है कि भिवंडी के लोगो को हिन्दी भाषा भी काफी प्रिय है और हिन्दी भाषा मे भी समाचार पढ़ने की लालसा रखते है। भिवंडी की हिन्दी पत्रकारिता की सबसे बड़ी विशेषता यह रही है कि उर्दू और मराठी भाषी पत्रकार बंधुओ ने हिन्दी साप्ताहिक समाचार-पत्र का प्रकाशन किया। मराठी भाषा के वरिष्ठ पत्रकार पंढरी नाथ कुंभार जी ने हिन्दी साप्ताहिक भारतीय राजपत्र का प्रकाशन किया, जिसका आकार और पाठ्य सामग्री लाजवाब हुआ करती थी। दक्षिण भाषी बाबूराव रमना करी ने हिन्दी साप्ताहिक जनहित समाचार पत्र का प्रकाशन किया और आज भी हिन्दी भाषा मे जनहित समाचार के नाम से यूट्यूब चैनल चला रहे है। भिवंडी मे सबसे ज्यादा हिन्दी साप्ताहिक समाचार-पत्र उर्दू भाषा के पत्रकार ही प्रकाशित करते रहे है और आज भी हिन्दी भाषा मे संचालित होने वाले यूट्यूब चैनल सबसे ज्यादा उर्दू भाषा के पत्रकार ही संचालित कर रहे है। जिस शहर मे हिन्दी के प्रति इतना गहरा और ह्रदयाआत्मक लगाव हो उस शहर मे हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी भाषा को भुला देना किसी दुखभरी कहानी से कम नही है। इस मुद्दे पर किसी को दोष देना मतलब एक ऊँगली सामने वाले की तरफ तो चार ऊँगली स्वयं मेरी तरफ इशारा कर रही है। फिर भी मै इतना ही कहूँगा कि हिन्दी भाषा पर चर्चा सत्र, संगोष्ठी, व्याख्यान, या फिर परिचर्चा कार्यक्रम तो आज आयोजित होना ही चाहिए था।