पटना: प्रखण्ड के चौड़ा गाँव में स्थापित सबसे पुराने मध्यविद्यालय की हालत अत्यंत गम्भीर है. इस विद्यालय का पुराना नाम स्वयंवर दास मध्यविद्यालय था पर बाद में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण इसे अब मध्यविद्यालय चौड़ा के नाम से जाना जाता है. उक्त विद्यालय पूर्व में गाँव से थोड़ी दूर नदी के किनारे उवस्थित था. पूर्व के भवन ध्वस्त हो जाने के कारण और दूरी के कारण बाद में गाँव के बीच स्थापित जाट विद्यालय की जमीन को राज्यपाल बिहार के नाम से लिखे जाने पर यही पर नई भवन बन गया और मध्यविद्यालय बर्षों से चल रहा है. इस विद्यालय में बर्ग आठ तक की पढ़ाई होती है. छात्रों की संख्या भी अधिक है पर शिक्षक मात्र चार ही हैं जिसके कारण बच्चों को काफी कठिनाई होती है.
ग्रामीणों ने और समाजसेवी श्यामनंदन कुमार यादव ने कई बार विद्यालय के सम्बंध में मुख्यमंत्री बिहार से लेकर शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से लेकर स्थानीय पदाधिकारी को कई बार लिखित रूप से दिया है कि इस विद्यालय में आठ शिक्षकों की पदस्थापन किया जाय मगर आजतक कोई उचित कारबाई नहीं हुआ जिसके कारण यहाँ की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गया है.
विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थित भी देखी जा सकती है. शिक्षकों और शिक्षा समिति की उदासीनता के साथ साथ ग्रामीणों की उदासीनता के कारण इस विद्यालय में बराबर छोटे बच्चों से लेकर बेरोजगार युवाओं की टोली ताश पत्ती खेलते रहते हैं तो कुत्ते बकरी भी अपना रैन बसेरा बना रखा है.
प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक कभी इस विद्यालय की सुधि तक नहीं लेते लेकिन पदाधिकारियों का व्यान अखबारों में प्रतिदिन छपती रहती है कि शिक्षा के लिए हमसब काफी मुस्तैद और सक्रिय हैं पर इन तस्वीरों से सरकार की मंशा स्पष्ट दिख जाती है कि शिक्षा के प्रति सरकार कितनी गम्भीर है.
पटना से रामजी प्रसाद की रिपोर्ट Yadu News Nation