श्रीनगर: फ्लाइट कमांडर पर महिला पायलट के यौन उत्पीड़न और आंतरिक जांच के नाम पर प्रताड़ित करने के मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के अधिकारियाें से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने निर्देश देकर कहा कि इस मामले में चार सप्ताह में अपनी प्रतिक्रिया से कोर्ट को अवगत करवाएं। सुनवाई के दौरान याची के वकील असीम साहनी ने कहा कि आरोपी अधिकारी ने याचिकाकर्ता से बार-बार यौन संबंध बनाने की मांग की और उसे अनुचित तरीके से स्पर्श करते हुए उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस मामले में कार्यस्थल अधिनियम (रोकथाम, निषेध और निवारण) 2013 और सशस्त्र बल नियमों का भी उल्लंघन हो रहा है, जिसमें शिकायतकर्ता को जानबूझ कर प्रताड़ित किया जा रहा है, ताकि दबाव में आकर वह अपनी शिकायत वापस ले ले। साहनी ने कहा कि शिकायतकर्ता और उसके गवाहों को डराया जा रहा है। छह 6 दिनों में याचिकाकर्ता की क्रॉस परीक्षा में उत्तरदाता नंबर 8 ने जगह ले ली। लगभग 300 प्रश्न याचिकाकर्ता के सामने रखे गए। इसमें कई प्रश्न अश्लील थे, जिससे प्रतीत होता है कि शिकायतकर्ता को प्रताड़ित कर शिकायत वापस लेने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है।अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग पर सबसे पहले आरोपी फ्लाइट कमांडर को स्थानांतरित किया जाए, ताकि वह इस मामले में अपने रसूख का इस्तेमाल कर शिकायतकर्ता और गवाहों को धमका न सके। सुनवाई के बाद कोर्ट ने वायु सेना और रक्षा मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी है।