इस्लामाबाद: यूनाइटेड नेशंस की तरफ से अब पाकिस्तान सरकार को एचआईवी के लिए डायरेक्ट मदद देने से मना कर दिया है। यूनाइटेड नेशंस ने पाकिस्तान को एएसपी यानि एडिशनल सेफगार्ड पॉलिसी की लिस्ट में डाल दिया है। जिसका मतलब ये होता है कि अगर किसी देश की सरकार यूनाइटेड नेशंस से मिली मदद में भ्रष्टाचार करती है या फिर वो देश गृहयुद्ध से जूझ रहा है, तो ऐसे देशों को यूनाइटेड नेशंस एएसपी लिस्ट में डाल देती है। यूनाइटेड नेशंस ने पाकिस्तान को भी एएसपी लिस्ट में डाल दिया है। पाकिस्तान को यूनाइटेड नेशंस की तरफ से 72 मिलियन डॉलर की मदद दी जाती है। यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार को यूनाइटेड नेशंस के यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एड्स की रोकथाम के लिए जो पैसा दिया गया है उसका इस्तेमाल लोंगों के ऊपर नहीं किया गया है। यूएनडीपी की तरफ से किसी देश की सरकार या फिर प्राइवेट संस्थाओं को मदद दी जाती है और अगर उस देश की सरकार या प्राइवेट संस्था उस पैसों का सही से इस्तेमाल नहीं करती है, तो उस मदद को रोक दिया जाता है। यूनाइटेड नेशंस ने पाकिस्तान सरकार को दी जाने वाली मदद पर रोक लगा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक शक है कि पाकिस्तान सरकार ने एचआईवी के लेकर यूएन से मिली मदद में भ्रष्टाचार किया है। पाकिस्तान का सिंध इलाका एचआईवी से काफी प्रभावित है। लिहाजा माना जा रहा है कि यूनाइटेड नेशंस से मदद मिलने के बाद सिंध के ऊपर इसका काफी प्रभाव पड़ने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब यूएन पाकिस्तान सरकार को पैसे नहीं देकर खुद पैसे खर्च करेगी। लेकिन, दिक्कत ये है कि यूनाइटेड नेशंस के पास ना उतने लोग हैं और ना ही उतनी सुविधा। ऐसे में यूएन के लिए सिंध में एचआईवी प्रभावित लोगों पर पैसा खर्च करना काफी मुश्किल हो जाएगा। वहीं, यूएन से पाकिस्तान सरकार को डायरेक्ट मदद मिलना बंद होने के बाद पाकिस्तान के नेशनल हेल्थ सर्विस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता साजिद शाह ने कहा है कि ‘यूएनडीपी एक विश्वसनीय संस्था है और हमें उम्मीद है कि अब पैसों का खर्च पारदर्शी तरीके से होगा’