काव्य संध्या में शामिल हुए प्रख्यात कवि
कोलकाता (रजत वंशल): साहित्य अकादेमी के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय के परिसर में एक नए पुस्तक विक्रय केंद्र और नवीनीकृत सभागार का उद्घाटन किया गया है। इसका उद्घाटन साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक और बाङ्ला परामर्श मंडल के संयोजक पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में अतिथियों का स्वागत अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि लंबे समय से पाठक कोलकाता कार्यालय परिसर में पुस्तक विक्रय केंद्र की स्थापना की मांग कर रहे थे। वह आज पूरी हो गई है। इससे पाठकों और शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा। यहाँ अकादेमी द्वारा 24 भाषाओं में प्रकाशित पुस्तकें उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि पुराने सभागार के नवीनीकरण से सारस्वत कार्यक्रमों के आयोजन में मदद मिलेगी। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक ने अपने भाषण में कहा कि पुस्तक विक्रय केंद्र एक बौद्धिक संपदा है। कोलकाता साहित्य और संस्कृति का केंद्र है। यह पुस्तक बिक्री केंद्र और नवनिर्मित सभागार यहाँ की सारस्वत प्रवृत्ति और पूरे पूर्वी क्षेत्र के साहित्य को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अकादेमी के बाङ्ला परामर्श मंडल के संयोजक श्री बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने हमेशा अपनी बहुभाषी परंपरा को मान्यता दी है। यह पुस्तक बिक्री केंद्र पूर्वी क्षेत्र की विभिन्न भाषाओं की पुस्तकों को लोगों तक पहुँचाने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में अकादमी ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं और कई बहुमूल्य पुस्तकों का प्रकाशन किया है। अन्य मेहमान सुबोध सरकार ने पुस्तक बिक्री केंद्र और सभागार के निर्माण के लिए अकादेमी को धन्यवाद दिया। समारोह का संचालन साहित्य अकादेमी कोलकाता कार्यालय के प्रभारी अधिकारी क्षेत्रबासी नायक ने किया। इसके बाद विशेष काव्य संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्रख्यात कवि सुबोध सरकार ने की। कवि अर्नब साहा, बिभास रॉय चौधरी, चैताली चट्टोपाध्याय, निर्माल्य मुखोपाध्याय और शिवाशीष मुखोपाध्याय ने कविताओं का पाठ किया। कविताओं में विभिन्न समसामयिक चित्र, घटनाएँ और मानवीय मूल्य के स्वर गूंजीं। अंत में माधव कौशिक की ग़ज़ल और सुबोध सरकार की कविता ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में कवियों को अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखक और साहित्यकार शामिल हुए।