आत्मजागृति और कर्म को क्षय करती है पैंसठिया छंद-यंत्र साधना:- मुनि प्रशांत
जोरहाट (वर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी मुनि श्री कुमुद कुमारजी के सान्निध्य में पैंसठिया छंद-यंत्र अनुष्ठान का तेरापंथ सभा जोरहाट द्वारा आयोजन किया गया। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा – पैंसठिया छंद यंत्र अपने आप में प्रभावशाली चमत्कारी है। दीपावली, ग्रहण के समय मंत्र जाप करने से जल्दी सिद्ध हो जाता है। अनेकों आध्यात्मिक लाभ और कर्म निर्जरा होती है।
तीर्थंकर का नाम लेने से भौतिक लाभ स्वत: प्राप्त हो जाते है।पितृ दोष निवारण होता है। सभी प्रकार की ग्रह बाधा दूर हो जाती है। तीर्थंकर भगवान की आराधना स्तुति अपने आप में शक्तिशाली होती है। उनकी शक्ति अनन्त गुणा होती है।उन पर श्रद्धा रखते हुए भक्ति गुणगान करने से समस्या दूर हो जाती है। दुनिया में सबसे बड़े ज्ञानी और शक्तिशाली तीर्थंकर होते हैं। दुनिया में उनसे बड़ा ज्ञानी और शक्तिशाली कोई नहीं है।विघ्न, बाधा का निवारण करने के लिए पैंसठिया छंद बहुत उपयोगी है।
यंत्र को सिद्ध करने के बाद प्रतिदिन इसका पाठ करना चाहिए। तीर्थंकर स्तुती बार-बार करने से कितने कर्म कट जाते हैं। ग्रह शांति, विघ्न दूर, सम्पत्ति प्राप्ति, प्रतिष्ठा बढ़ती है। आगम वाणी में अनेक जगह कहा गया कि दुख से मुक्ति एवं कर्मों से छुटकारा पाने के लिए जप की आराधना करनी चाहिए। लोगस्स का प्रतिदिन सताईस बार पाठ करना चाहिए। कर्म निर्जरा, समस्या की मुक्ति के लिए लोगस्स पाठ कारगर है। चौबीस तीर्थंकरों की स्तुती का यह लोगस्स पाठ बहुत प्रभावशाली एवं चमत्कारी है।
तीर्थकर वीतरागी आत्मा का स्मरण व्यक्ति के भावो को विशुद्ध बनाती है। प्रभुत्वशाली सिद्धात्मा ने अजर अमर पद प्राप्त कर निजानंद में रमण कर रही है। जैन धर्म में सबको साधना करने के साथ-साथ सम्यक जीवन जीने की प्रेरणा दी गई। कोई भी व्यक्ति आत्म – साधना कर सकता है। सामायिक, जप व्यक्तिगत साधना के साथ-साथ पर – कल्याण में भी उपयोगी होते हैं। प्रत्येक श्रावक को प्रतिदिन सामासिक, जपाराधना अवश्य करनी चाहिए।
कर्म निर्जरा, भावशुद्धि, चित समाधि विघ्न निवारण के लिए जप, भक्तामर स्तोत्र, पैसठिया छंद, उवसग्गहर स्त्रोत्र एवं तीर्थकरों का स्मरण, महापुरुषो का जाप की साधना-आराधना करनी चाहिए। पैंसठिया छंद यंत्र अनुष्ठान हम सब के जीवन को सार्थक बनाएं। सबका जीवन मंगलकारी कल्याणकारी बने यही मंगलकामना। सभा मंत्री धीरज कुंडलिया ने आभार व्यक्त किया।