नई दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में 48,000 से अधिक ट्रांसजेंडर मतदाता मतदान कर सकेंगे. अठारहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि अद्यतन मतदाता सूची के अनुसार 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. कुमार ने कहा, ‘‘97 करोड़ मतदाताओं में से 48,000 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 39,075 थी, जिनमें से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में (7,797), तमिलनाडु में (5,793) और कर्नाटक में (4,826) ट्रांसजेंडर मतदाता थे. अरुणाचल प्रदेश, दमन और दीव, गोवा, लक्षद्वीप, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां कोई ट्रांसजेंडर मतदाता नहीं है.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ के सिद्धांत का पालन करने के लिए चुनावी प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के आवश्यक प्रयास किए गए हैं. साल 2019 के आम चुनावों पर आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘मतदाता सूची में ट्रांसजेंडरों का नाम दर्ज करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना निर्वाचन आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती रही है.
ट्रांसजेंडरों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कई उपाय अपनाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप तृतीय लिंग के मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है. कुल 543 लोकसभा सीट के लिए मतदान सात चरणों में होंगे. इसकी शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों के लिए मतदान के साथ होगी. मतों की गिनती चार जून को होगी.