8 सालों से घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहे थे आतंकी
नई दिल्ली: भारत की तमाम चेतावनियों के बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधर रहा है। साथ ही उसकी ओर से सीमा पर लगातार नापाक साजिशें रची जा रही हैं। अब सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा पर एक अंडरग्राउंड सुरंग को ढूंढ निकाला है, जो करीब 150 मीटर लंबी है। इसी के जरिए आतंकी घुसपैठ करते थे, साथ ही ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई होती थी। 10 दिनों के अंदर बीएसएफ को सीमा पर ये दूसरी बड़ी कामयाबी मिली है।
दरअसल बीएसएफ पाकिस्तान सीमा पर लगातार एंटी टनलिंग ड्राइव चलाती रहती है। जिसका मकसद सीमा पर घुसपैठ करने वाली सुरंगों का पता लगाना है। इसी के तहत शनिवार को कठुआ (Kathua) जिले के हीरानगर सेक्टर में एक सुरंग का पता चला, जो करीब 30 फीट गहरी है। इस सुरंग का एक छोर भारत के बीपी नंबर 14 और 15 के बीच है, जबकि दूसरा छोर पाकिस्तान के शंकरगढ़ (Shakargarh) जिले के अभियाल डोगरा बार्डर पोस्ट के पास है। शंकरगढ़ में ही जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर कासिम खान का घर है, जो आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम करता है। 2016 में पठानकोट एयरबेस पर जो हमला हुआ था, उसके मास्टरमाइंड्स में कासिम का नाम भी शामिल था।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये बहुत बड़ी सुरंग है। इसको देखकर लगता है कि ये कम से कम 6 से 8 साल पुरानी है, साथ ही लंबे वक्त से इसका इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया जाता रहा होगा। इसके अलावा ये ऐसी जगह पर स्थित है, जहां 2012 में पाकिस्तान ने फॉरवर्ड ड्यूटी प्वाइंट पर भारी गोलाबारी की थी। साथ ही जीरो लाइन के पास एक नए बंकर का निर्माण किया था। इसके अलावा जनवरी 2019 में जब बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विनय प्रसाद इस इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे थे, तो पाकिस्तानी स्नाइपर ने उनपर हमला किया था, जिसमें वो शहीद हो गए। इसके बाद नवंबर 2019 में इसी इलाके में आतंकियों के एक समूह को सीमा के उस पार देखा गया था।
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नगरोटा हमले के बाद सख्ती
दरअसल पिछले साल नवंबर में चार आतंकी अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ कर भारत में आए। इसके बाद वो जम्मू-श्रीनगर हाईवे के जरिए कश्मीर की ओर जाने की फिराक में थे, तभी बन टोल प्लाजा (Nagrota) के पास सुरक्षाबलों से उनकी मुठभेड़ हो गई। इस दौरान चारों आतंकी मारे गए। जब मामले की जांच हुई तो पता चला कि आतंकियों ने सीमा पर स्थित कुछ सुरंगों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया था। तभी से बीएसएफ लगातार सुरंगों की खोज के लिए अभियान चला रही है।