
त्वचा पर पीले दाने पड़ना : छोटे, पीले-लाल रंग के उभार या घाव त्वचा पर आना. जो अनियंत्रित मधुमेह में हो सकता है. इन उभारों में अक्सर खुजली होती है और ये अचानक प्रकट होने लगते हैं.

त्वचा के नीचे वसा का जमा होना : आमतौर पर आंखों के आसपास पीले, वसायुक्त जमाव का विकास है. हालांकि यह बिना डायबिटीज वाले व्यक्तियों में हो सकता है, यह डायबिटीज वाले लोगों में अधिक आम हो सकता है.

त्वचा पर पपड़ीदार धब्बे पड़ना : यह डायबिटीज से जुड़ी सबसे आम त्वचा स्थितियों में से एक है. यह त्वचा पर हल्के भूरे, गोल या अंडाकार, पपड़ीदार पैच के रूप में दिखाई देता है. इन धब्बों को कभी-कभी लोग उम्र के धब्बे भी समझ लेते हैं.

हाथ, पैर, टांगों पर छाले पड़ना : डायबिटीज संबंधी छाले अपने आप प्रकट हो जाते हैं और अक्सर दर्द रहित होते हैं. वे हाथों, पैरों, टांगों और अग्रबाहुओं ( Forearms ) पर विकसित हो सकते हैं. ये छाले धीरे-धीरे ठीक होते हैं और निशान भी छोड़ जाते हैं.

उंगलियों और पैर की उंगलियों के आसपास की त्वचा का कसना : डिजिटल स्केलेरोसिस एक त्वचा की स्थिति है जिसमें उंगलियों और पैर की उंगलियों की त्वचा मोटी और कड़ी हो जाती है. इससे उंगलियों और पैर की उंगलियों को मोड़ना मुश्किल हो सकता है, और यह टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में अधिक पाया जाता है.

संक्रमण और धीमी गति से घाव का भरना : डायबिटीज से पीड़ित लोग त्वचा संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और इनके घाव अक्सर धीमी गति से भरते हैं. और संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता भी खराब होने लगता है.