राजगांगपुर में सन्तो का स्वागत

संत समागम से मिलता सच्चा सुख -मुनि प्रशांत

राजगांगपुर: आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि प्रशांत कुमारजी मुनि कुमुद कुमारजी का राजगांगपुर आगमन पर तेरापंथ समाज की तरफ से मुनिद्व्य का स्वागत- अभिनन्दन किया गया। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार ने कहा- कांटाबांजी से विचरण करते हुए आज राजगांगपुर आना हुआ। संतो का आगमन उनकी सतसंगत सच्चाई का बोध कराती है। संत उपदेश से सच्चा सुख मिलता है। भौतिक पदार्थ से साधन की प्राप्ति हो जाती है। शांति सुकुन तो साधना से ही मिलता है। भारतीय संस्कृति ऋषि-मुनियों की रही है, उन्होंने तप-त्याग का जीवन जीते हुए आत्मसंयम, इन्द्रिय संयम की प्रेरणा देते हैं। जीवन में मानवता का विकास होना चाहिए तभी जीवन की सार्थकता है। विकास करने के साथ हम अपनी संस्कृति, सभ्यता एवं संस्कारों को न भूलें। वर्तमान समय में विकास की अंधी दौड़ में व्यक्ति गलत पथ को अपना रहा है। दिखावे की संस्कृति व्यक्ति की मानसिकता पर हावी होती जा रही है। जिसके कारण आज व्यक्ति तनाव, डिप्रेशन का जीवन जी रहा है। पद पैसा प्रतिष्ठा पाने की दौड़ में व्यक्ति देश, परिवार, समाज के प्रति कर्तव्य को भूलता जा रहा है।व्यक्ति स्वयं के बारे में परिवार एवं समाज के बारे में आत्मचिंतन करें। साधु-साध्वी की संगत तथा स्वाध्याय का पठन से हमारे जीवन व्यवहार में सोच एवं आदतों में परिवर्तन आता है। करुणा, अहिंसा, मैत्री, संतोष जैसे सकारात्मक भावों की वृद्धि होती है। आभामण्डल पवित्र बनता है। राजगांगपुर में तेरापंथ समाज के परिवार बहुत कम है लेकिन भक्ति-भावना, उत्साह बहुत है। यहां के छोटे-बड़े सभी श्रावको में धर्म के प्रति भावना बनी रहें। हेमंत, रोहित की सेवा भावना जागरूकता अनुकरणीय है।

मुनिकुमुद कुमारजी ने कहा- साधु आत्मकल्याण के साथ पर कल्याण भी करता है। जनमानस को आध्यात्मिकता की प्रेरणा देने के लिए गांव-गांव विचरण करते हैं। साधु आपके द्वार आए यह आपका सौभाग्य है। उनके पास जाकर कुछ सीखने जानने का प्रयास करना चाहिए। हमारा मन मस्तिष्क ज्ञान को ग्रहण करने के लिए सदैव क्रियाशील रहना चाहिए। नया ज्ञान एवं अच्छी बाते जहाँ से भी मिले ग्रहण कर लेना चाहिए। आग्रह एवं दुराग्रह व्यक्ति के विकास को रोक देते हैं। व्यक्ति जीवन कितना जीता है इसका कोई महत्व नही है। वह जीवन को कैसे जीता है यह महत्वपूर्ण है। जीवन को कैसे जीना, यह हमारे हाथ में है। रोहित जैन ने बताया- कार्यक्रम का शुभारम्भ वंदिता जैन के मंगलाचरण से हुआ। महिला मण्डल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। नगर प्रवेश पर राउरकेला श्रावक समाज भी उपस्थित रहा। रैली में पुलिस-प्रशासन का सहयोग प्राप्त हुआ लम्बे अंतराल के बाद संतो के आगमन से श्रावक समाज का उत्साह उल्लेखनीय था।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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