पटना (रामजी प्रसाद): पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ एंव संयुक्त छात्र मोर्चा ने आज महात्मा गॉधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आनंद प्रकाश एंव केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कारगिल चौक गॉधी मैदान में पुतला दहन किया। संयुक्त छात्र मोर्चा के बैनर तले छात्र नेताओं ने पटना कॉलेज में बैठक कर आगे की रणनीति बनाने के बाद पटना कॉलेज से कारगिल चौक तक मार्च करते हुए पुतला दहन किया। मार्च और पुतला दहन के दौरान छात्र नेताओं ने महात्मा गॉधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त करने, जूलोजी के विभागाध्यक्ष अरतांत्रपाल और मीडिया स्टडीज डिपार्टमेंट के विभागा अध्यक्ष अंजनी कुमार झा को बर्खास्त करने के लिए नारे लगाए। दरअसल पुरा मामला बीना किसी सुचना के आरक्षित वर्ग (OBC ,SC) के सीट कटौती से जुड़ा हुआ है जिसके कारण छात्रों में आक्रोश है। बताते चलें कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रॉस्पेक्टस के पेज संख्या 25 पर जूलोजी विभाग में पीएचडी के लिए कुल सात सीटें होने का जिक्र है। सात सीट में एक सीट अनआरक्षित वर्ग के लिए, तीन ओबीसी के लिए, दो अनुसूचित जाति के लिए तथा एक अनुसूचित जनजाति के लिए है लेकिन जब VIVA के बाद मेधासूचि बनाई गई तो अन्य पीछड़ा वर्ग के एक सीट, अनुसूचित जाति के दोनों सीट को डॉप कर दिया जबकि पर्याप्त संख्या में छात्र मौजूद थे । मीडिया स्टडीज विभाज में ई-प्रॉस्पेक्टस के पेज संख्या 22 पर कुल 6 सीट होने की बात विश्विद्यालय करता है जिसमें अनआरक्षित वर्ग के लिए दो, पिछड़ा वर्ग के लिए दो, अनुसूचित जाति के लिए दो सीट का जिक्र करता है लेकिन VIVA के बाद फाइनल मेधासूचि बनाया जाता है तो अन्यपीछड़ा वर्ग के एक सीट को डॉप कर दिया गया।
यहीं नहीं आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आयी जजमेंट CIVIL APPEAL NO-8717 of 2015 dated 28 April 2022 जिसके 11वें नम्बर बिंदु में साफ कहा गया है कि यदि कोई आरक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी अनआरक्षित वर्ग से ज्यादा मेधा रखता है तो वह अनआरक्षित सीट के हकदार होगा – महात्मा गॉधी क्रेद्रीय विश्वविद्यालय के मिडिया स्ट्डीज डिपार्टमेंट इन नियमों को ताख पर रखकर नामांकान की प्रक्रिया में लिखित परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थी नीतीश कुमार (68 अंक) को न केवल आरक्षित सीट दिया है बल्कि तिसरे नंबर पर सबसे अधिक अंक लानेवाली सुजाला ख्वासा (61 अंक) नाम की लड़की को उसी श्रेणी में वेटिंग लिस्ट में रखा है । इसके अलावा अनआरक्षित वर्ग के मेधासूचि में गुंजन शर्मा नाम की लड़की को मेधासूचि में जगह दिया गया है जबकि अनआरक्षित वर्ग से VIVA के लिए बुलाये गए विद्यार्थियों में सबसे कम अंक 50 लानेवाली विद्यार्थी है। बताते चलें कि पूरा मामला नामांक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का है । नामांकन में क्या प्रक्रिया अपनायी गई थी इसको लेकर मीडिया स्टडीज डीपार्टमेंट में नामांकन के मेधासूचि से बाहर कर दिए गए अभिषेक राज ने दिनांक 4 जुलाई 2022 को 11:45 बजे सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगा था। चुकि यह लाइव, लिबर्टी और जस्टिस से जुड़ा हुआ मामला था। सूचना 6 जुलाई को 11:45 बजे तक आना था। लेकिन जब 10 जुलाई तक विश्वविद्यालय से सूचना नहीं आया तो 11 जुलाई को दोपहर 1 बजे विश्वविद्यालय के OSD सच्चिदानंद सिन्हा के पास पहली अपील के लिए गए। लेकिन OSD अपील लेने से इनकार कर दिए जिसके बाद हेड पोस्ट ऑफिस मोतिहारी में 11 जुलाई को हीं पहली अपील की कॉपी भेजकर रिसीविंग प्राप्त किया।
मार्च और पुतला दहन के दौरान संयुक्त छात्र मोर्चा के नेताओं ने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया जारी है और हमारी नजर भी विश्वविद्यालय के पूरी प्रक्रिया पर है हम राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में हैं। हमारी लड़ाई की पहली शुरूआत है महात्मा गॉधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पीएचडी नामांकन में धांधली के खिलाफ मुहिम लेकिन हम आगे यहीं नहीं रूकने वाले हैं हम युजीसी से मांग कर रहे हैं कि पीचडी नामांकन में वाइवा वोआइस के चोर दरवाजे बंद हों। कार्यक्रम में संयुक्त छात्र मोर्चा में शामिल AISA , AISF, CRJD, JACP, NSUI , DISHA छात्र संगठन के प्रतिनिधि शामिल रहे।