आचार्य भिक्षु का साहित्य हमारे लिए कल्याणकारी -मुनि प्रशांत
सिलचर, यदु न्यूज नेशन (बर्धमान जैन): मुनिश्री प्रशांत कुमार जी मुनिश्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा द्वारा भिक्षुज्ञानाराधना प्रतियोगिता आयोजित हुई। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा – बहुत सुन्दर प्रस्तुति हुई। इसमें सभी ज्ञानार्थी ने पुरुषार्थी बनकर ज्ञान की आराधना की है।समय पर सही उत्तर देने में सफल हुए हैं। ज्ञानशाला प्रशिक्षक का श्रम मुखर हो रहा था। इन सभी प्रश्नों को सदैव याद रखना है। आचार्य श्री भिक्षु एवं तेरापंथ के आचार्यो के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। आचार्य श्री भिक्षु का साहित्य सभी को पढ़ने का लक्ष्य रखना है। स्वाध्याय से जानकारी प्राप्त होती है। ज्ञान का विकास होता है। ज्ञान हमारे जीवन में पग पग पर प्रेरणा का कार्य करता है। आचार्य भिक्षु तेरापंथ के संस्थापक थे,आध्यप्रवर्तक थे। प्रथम गुरु आचार्य श्री भिक्षु के जीवन प्रसंग को पढ़ना एवं याद रखना चाहिए। प्रेरणादायक संस्मरण जीवन में बदलाव लाते है। ज्ञान के विकास के साथ साथ तेरापंथ धर्मसंघ की जानकारी भी मिलती है। आचार्य श्री भिक्षु का 300 वां जन्म वर्ष मनाया जा रहा है। आचार्य श्री महाश्रमणजी जी ने विशेष प्रेरणा प्रदान की है कि आचार्य भिक्षु के साहित्य को पढ़कर जानकारी का लक्ष्य रखना चाहिए। आचार्य भिक्षु द्वारा प्रदत्त ज्ञान हमारे विकास का हेतु है।उनका साहित्य हमारे लिए कल्याणकारी है। मुनिश्री कुमुद कुमार जी ने कहा – जनमानस में आचार्य भिक्षु के प्रति विशेष श्रद्धा भक्ति का भाव परिलक्षित होता है।उनका जीवन अपने आप में प्रभावशाली था।यह जन्म त्रिशताब्दी वर्ष हमारे लिए कल्याणकारी बने ऐसा प्रयास करना चाहिए।पूरे वर्ष किसी न किसी रूप में स्वामी जी के माध्यम से कल्याणकारी पथ पर चलें।

तोलाराम गुलगुलिया ने बताया ज्ञानशाला प्रशिक्षकों के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। श्रीमती मनीषा गुलगुलिया ने विषय प्रस्तुति प्रस्तुत की, समय प्रबंधन का दायित्व श्रीमती सपना मालू एवं नैना बैद ने पूर्ण किया। मुनिश्री कुमुद कुमार जी एवं तेजपुर से समागत अर्हम् धारीवाल ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। श्रीमती प्रेम सुराणा ने आभार व्यक्त किया।सभा द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

