राष्ट्रीय भावना का बिकाश आवस्यक -जैन मुनि प्रशांत कुमार

कालाहांडी (बर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी एवं मुनि श्री कुमुद कुमार जी के सानिध्य में सरस्वती शिशू मंदिर उतकेला में आद्यात्मिक प्रवचन हुआ । विद्यार्थियों को उद्बोधन देते हुए मुनि श्री प्रशांत कुमार जी ने कहा हम जैन मुनि होते हुए भी राष्ट्रीय भावना और मानवता का प्रचार प्रसार करते है । केवल नए फेसन के कपड़े पहनने से और नया मोबाइल, गाड़ी रखने से ही कोई अच्छा इंसान नही बनता ।एक अच्छा इंसान बनने के लिए जरूरी है सद्ब्यवहार और सद्गुणों का विकाश । जातिवाद, सम्प्रदायवाद और प्रांतवाद ये देश की एकता को कमज़ोर करते है इसलिए हम राष्ट्रीय एकता की बात सबके सामने रखते है कि हमे अपने राष्ट्र को मजबूत बनाना चाहिए । हर देशभक्त हर नागरिक ये संकल्प करें कि में राष्ट्र के हितों को और राष्ट्र को नूकसान नही पहुँचाऊँगा । में राष्ट्र के विकास में ही अपना योगदान देता रहूंगा ।

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मुनीश्री ने विद्यार्थियों को अहिंसा यात्रा के तीन सूत्रों की चर्चा करते हुए अणुब्रतो के बारे मे समझाया और मुनि श्री ने जीवन विज्ञान के संकल्पो को भी प्रायोगिक रूप में करके सिखाया । बिद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष जय हरि पुटेल ने और प्रधान आचार्य ब्यासादेव बारीक ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया । विद्यालय के हिंदी अद्यापक प्रदुम्न कुमार भोई ने मुनिश्री का एवं सभी का आभार प्रकट किया । विद्यालय के विद्यार्थियों ने मुनि श्री के स्वागत में मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया । विद्यालय के सभी अध्यापक एवं अध्यापिका ने मुनि श्री के प्रति बहुत बहुत धन्यबाद की भावना आभिब्यक्त की ।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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