गरियाबंद: देवभोग छत्तीसगढ़ प्रदेश में हर जगह पर हमारा इतिहास और पौराणिक काल की गाथा लिखी हुई है । ऐसी ही एक जगह है गरियाबंद जिले के अंतिम छोर झाखरपारा देवभोग से 8 किलोमीटर दूरी ऋषि झरन। जिसके बारे मे झाखरपारा देवभोग के प्रतिष्ठित धर्म परायण नागरिक रामायण प्रसाद तिवारी उनकी धर्मपत्नी विद्यावती तिवारी, कांग्रेश के जिला पदाधिकारी एवं समाजसेवी अरुण मिश्रा, अंचल के जाने-माने व्यापारी एवं धर्म प्रेमी अनिल महेश्वरी, युवा आईकान शैलेश मिश्रा, हेमंत मिश्रा, निर्भय तिवारी, रितेश तिवारी ने बताया कि ऋषि झरन में महर्षि वाल्मीकि घोर तपस्या की और तपस्या करते करते पत्थर की मूर्ति में बदल गए जिसे आज भी छोटी सी गुफा में देखा जा सकता है । कहा जाता है कि मूर्ति का थोड़ा सा पत्थर रूपी अंग को खुरच कर अगर आग में डाला जाए तो मानव मांस की जलने गंध आती है । यह बहुत आश्चर्य जनक और खोज का विषय है ।
पौराणिक जगह में विधिवत पूजा अर्चना कर दक्षिण मुखी हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई । इसकी स्थापना अंचल के धर्म परायण प्रतिष्ठित नागरिक रामायण प्रसाद तिवारी उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विद्यावती तिवारी इनके पुत्रद्वय रितेश तिवारी, निर्भय तिवारी पुत्रवधू द्वय अर्चना रितेश तिवारी, श्रीमती सुमन निर्भय तिवारी के संकल्प के द्वारा दुर्गम स्थल में हनुमान लला की स्थापना संभव हो सकी । मूर्ति स्थापना देवभोग एवं उड़ीसा के जाने-माने रामायण मर्मज्ञ एवं कथावाचक भोला प्रसाद दुबे द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के द्वारा की गई। नन्हे बच्चों द्वारा मधुर स्वर में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया एवं भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई । राम भक्त हनुमान के स्थापना के अवसर पर सबसे आकर्षण की बात रही नन्हे-मुन्ने बच्चों के द्वारा हनुमान चालीसा का मधुर स्वर में पाठ किया गया । जिसमें उपासना तिवारी ,अनन्या मिश्रा ,प्रिया तिवारी, दिव्या तिवारी, शुभम तिवारी, अनमोल मिश्रा, बेबी परी, दीपकमिश्रा ,मयंकतिवारी, शिवा ज्ञा मिश्रा खुशी तिवारी, नीरज तिवारी प्रमुख रूप से शामिल थे।
भोजन प्रसादी की संपूर्ण व्यवस्था आशा मिश्रा, पुष्प लता मिश्रा, करिश्मा तिग्गाश, अर्चना रितेश7 तिवारी, सुमन निर्भय तिवारी के द्वारा किया गया । उक्त कार्यक्रम में जनपद सदस्य श्री असलम मेमन, कांग्रेस नेता श्री सानदो ध्रुवा, जिला महामंत्री अरुण मिश्रा, बिरबाहु चंद्राकर, देवानंद चंद्राकर, चरण यादव रामदास यादव, सुभाष महेश्वरी आकाश महेश्वरी, अंकुश महेश्वरी, लीला निधि दास, हुकुम यादव, बलदेव यादव के साथ ऋषि झरन स्थित सनी मंदिर के पुजारी धबले दास वैष्णव और शक्ति योग साधक सिरहा परमानंद यादव का विशेष योगदान रहा।
छत्तीसगढ़ स्टेट हेड उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation