खरियार रोड़, (बर्धमान जैन): परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी की आज्ञा से उनके विद्वान सुशिष्य मुनिश्री दीप कुमारजी ने बालमुनि काव्य कुमार जी के साथ छतीसगढ़ की सीमा पार कर ओड़ीसा कीधरती में मंगल प्रवेश किया । पस्चिम ओड़ीसा के श्रावक बड़ी संख्या में मुनि श्री के स्वागत में तैयार थे वहीं छतीसगढ़, रायपुर के श्रावक मुनि श्री को विदाई दे रहे थे।
तीर्थंकर और आचार्या के जयनारों के साथ उल्लासपूर्ण वातावरण में मुनि श्री ने प्रवेश किया। खरियार रोड पहुंचने के पश्चात् मुनिश्री का ओड़ीसा स्तरीय स्वागत समारोह गुजराती भवन में हुआ। मुनिश्री दीप कुमारजी ने कहा- धर्म परम मंगल है। इसकी आराधना करने वाला शांति का जीवन जीता है। साधु-संत धर्म की साप्थना करते है और उसका प्रचार करते हैं। हमने पूज्य गुरुदेव की आज्ञा से ओड़ीसा में प्रवेश किया है। अब छतीसगढ़ की विदाई हो गई। छतीसगढ़ में लगभग एक वर्ष ग्यारह दिन प्रवास हमारा रहा। सुरेंद्र जी चौरड़िया रायपुर सभा अध्यक्ष ने निष्ठा से दायित्व निभाया। वीरेन्द्र जी डागा तेयुप अध्यक्ष ने अच्छी सेवा की। मुनिश्री ने कई श्रावक-श्राविकाओं की सेवा का उल्लेख किया। मुनिश्री ने आगे कहा- ओड़ीसा में अच्छा उत्साह है। सबमें अच्छी धर्म-धर्मसंघ की भावना बड़ती रहें। मुनिश्री नै हाजरी का वाचन भी कया।
कार्यक्रम में नवापारा विधायक राजेन्द्र जी ढोलकिया,
ओडिशा प्रांतीय जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा सभा अध्यक्ष मुकेश जी जैन, रायपुर सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र जी चौरड़िया, छत्रपाल जी जैन, समेत ओड़ीसा के विभिन्न क्षेत्रों से समागत अनेक लोगों ने मुनि श्री के स्वागत में उद्गार व्यक्त किया। खरियार रोड़ के श्रावकों ने भी भावभीना स्वागत किया।कार्यक्रम में अच्छी उपस्थिति रही। मंच संचालन संतोष जी डागा ने किया एवं आभार ज्ञापन ओडिशा प्रांतीय जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा महामंत्री अनुप कुमार जी जैन ने किया।