नई दिल्ली : क्रिकेट जगत में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की दाएं हाथ की लेग स्पिन गेंदबाज पूनम यादव के चर्चे हो रहे हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरान होगा कि क्रिकेट के मैदान में अपनी काबलियत का लोहा मनवाने वाली पूनम को क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं थी। दरअसल, उनके पिता रघुवीर सिंह सेना के सेवानिवृत अधिकारी हैं। उन्हें पसंद नहीं था कि पूनम क्रिकेट खेले, इसलिए उन्होंने क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था।
पूनम का क्रिकेट के प्रति लगाव बचपन से था। महज 8 साल की उम्र में से वह स्टेडियम में जाने लगी थी। एक तरफ पिता की सख्ती थी, दूसरी तरफ क्रिकेट का जुनून। आखिर पूनम ने एक दिन घर छोड़ दिया था। हालांकि बाद में कोच उन्हें लेकर वापस घर लौटीं। पिता को समझाया और आखिर पिता भी मान गए। करियर की शुरुआत में पूनम ने भेदभाव को भी झेला। लिंगभेद एक बड़ी मुश्किल रही। लोग फिकरे कसते थे कि एक लड़की आखिर कैसे क्रिकेट खेलेगी, वह रात को कैसे आना-जाना करेगी। यह बात अलग है कि पूनम ने केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। शुरुआत में पूनम का आगरा मंडल में सिलेक्शन हुआ, फिर यूपी की टीम से खेलीं। वो अंडर-19 टीम की कैप्टन भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह डोमेस्टिक लेवल पर रेलवे को रिप्रजेंट करती हैं।
रेलवे से जुड़ना पूनम के लिए अहम रहा। इसके बाद उनका जीवन भी बदला और खेल भी निखरा। वर्ष 2013 में पूनम ने बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 क्रिकेट फार्मेट में पर्दापण किया था। करियर के पहले वनडे मैच में इन्होंने 15 रन देकर 3 विकेट लिए थे। यह इंडियन वुमेन क्रिकेट का चौथा बेस्ट वनडे डेब्यू रिकॉर्ड है। वर्ष 2014 में पूनम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला जो कि उनका एकमात्र टेस्ट मैच है। आप को बता दें कि पूनम ने टी-20 विश्व कप के पांच मैचों कुल 10 विकेट निकाले थे। इतना ही नहीं अहम मौकों पर टीम इंडिया को विकेट दिलाकर उसे फाइनल में पहुंचाने में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मात खानी पड़ी थी। पूनम यादव फिलहाल टी-20 क्रिकेट में 7वें और वनडे में 8वें स्थान पर काबिज है। पूनम यादव अब तक 46 वनडे और 67 टू-20 मैच खेल चुकी है। पूनम ने वनडे में 20.8 की औसत से 72 विकेट चटकाये हैं, जबकि टी-20 में उन्होंने 14.4 की औसत से 95 विकेट लिए हैं।