भुबनेस्वर: ओडिशा विधानसभा के पूर्व स्पीकर शरत कुमार कर का निधन हो गया है। वह 81 साल के थे। कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था, भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार को अस्पताल में ही उन्होंने आखिरी सांस ली। सरत कुमार के पोते अमशुमन कर ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है।
शरत कुमार कर की पहचान राजनेता के साथ-साथ लेखक के तौर पर भी काफी थी। उन्होंने टीवी और रेडियो पर कमेंट्री भी की थी। कटक में जन्में शरत कुमार कर ने 25 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया था। ओडिशा की महांगा सीट से वह 1971, 1990 में और 2000 में विधायक चुने गए। 1977 में शरत कुमार ने कटक लोकसभा सीट से उस समय के केंद्रीय मंत्री और बड़े कांग्रेस नेता जानकी बल्लभ पटनायक को हराकर सबको चौंका दिया था। शरत कुमार जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े थे। लेखन के क्षेत्र में काम करते हुए भी शरत कुमार ने कई पुस्तकें लिखीं। कविताओं की उन्होंने चार किताबें लिखीं। इनमें- द्रुता बिलम्बिता, मंथन, रोमान्तन और अनन्या, समयात्र जेते धू काफी मशहूर हैं। इसके अलावा उन्होंने ओडिया में साहित्यिक, सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर कई दशक तक लगातार लिखा है।