मॉस्को: रूस ने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी है। रूसी सुरक्षा परिषद के एक अधिकारी ने कहा कि अगर यूक्रेन को अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल किया जाता है, तो यूक्रेन में संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बढ़ने की गारंटी होगी। रूस की इस धमकी के बाद से यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ गई है। यूरोप पहले से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने वाली धमकी से परेशान है। इस बीच नाटो ने रूस के परमाणु हमलों की धमकियों को लेकर विचार विमर्श किया। नाटो देशों की अगले हफ्ते परमाणु युद्धाभ्यास करने की योजना है। नाटो के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक संगठन के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय में हुई। यह बैठक आमतौर पर वर्ष में एक बार या दो बार आयोजित होती है।
रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने रूस की सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव के हवाले से कहा कि कीव अच्छी तरह से जानता है कि इस तरह के कदम का मतलब तीसरे विश्व युद्ध की गारंटी होगी। वेनेडिक्टोव रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव और पुतिन के एक शक्तिशाली सहयोगी निकोलाई पेत्रुशेव के डिप्टी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यूक्रेन का आवेदन एक प्रॉपगैंडा था क्योंकि पश्चिमी देश यूक्रेन की नाटो सदस्या के परिणाम को अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम की आत्मघाती प्रकृति को नाटो के सदस्य खुद समझते हैं।
वेनेडिक्टोव ने कहा कि रूस के खिलाफ निवारक हमलों के लिए जेलेंस्की का आह्वान खतरनाक था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि परमाणु युद्ध के दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे। हमें याद रखना चाहिए परमाणु संघर्ष पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा , न केवल रूस और सामूहिक पश्चिम, बल्कि इस ग्रह पर हर देश प्रभावित होगा। इसके परिणाम सभी मानव जाति के लिए विनाशकारी होंगे।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो के पूर्व की ओर विस्तार को बढ़ावा देने के लिए कई बार अमेरिका की आलोचना की है। अमेरिका ने यूक्रेन और जॉर्जिया जैसे देशों में अपने प्रभाव को बढ़ाया है, जिस पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रूस इन पूर्व सोवियत गणराज्यों को अपने प्रभाव क्षेत्र के हिस्से के रूप में मानता है। 21 सितंबर को पुतिन ने पश्चिम को चेतावनी दी कि वह झांसा नहीं दे रहे है। उन्होंने कहा था कि वह रूस की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने प्रमुख पश्चिमी देशों पर “परमाणु ब्लैकमेल” करने का आरोप लगाया था।
उनकी धमकी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि दुनिया 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से परमाणु युद्ध के सबसे बड़े जोखिम का सामना कर रही है। नाटो अगले हफ्ते “स्टीडफास्ट नून” नाम की वार्षिक परमाणु युद्धाभ्यास का आयोजन करने जा रहा है। रूस और अमेरिका अब तक की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। इन दोनों देशों के पास दुनिया के 90 फीसदी परमाणु हथियार हैं।