नई दिल्ली: स्टैंडअप इंडिया का उद्देश्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति के उधारकर्ता या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता तथा एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रूपए से एक करोड़ रुपए के बीच ऋण सहायता प्रदान करना है ताकि मैन्युफैक्चरिंग, सेवा तथा व्यापार क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित किया जा सके।
यह जानकारी आज राज्यसभा में वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
वित्त राज्यमंत्री ने और अधिक ब्यौरा देते हुए बताया कि 2 मार्च, 2021 तक स्टैंडअप इंडिया योजना के अंतर्गत प्रारंभ से 24,985.27 करोड़ रुपए के 1,11,619 ऋणों का विस्तार किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्री के बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुसार इसके अंतर्गत ऋण के लिए आवश्यक मार्जिन राशि 25 प्रतिशत तक से घटाकर 15 प्रतिशत तक कर दी गई है और योजना में कृषि से संबंधित गतिविधियों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि योजना को कारगर तरीके से लागू करने के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इन कदमों में अन्य बातों के साथ-साथ संभावित उधारकर्ता द्वारा ऑनलाइन पोर्टल (www.standupmitra.in)के माध्यम से ऑनलाइन आवेदनों की प्रस्तुति, हैंड होल्डिंग समर्थन, तीव्र प्रचार अभियान, सरल ऋण आवेदन फॉर्म, ऋण गारंटी योजना और समर्पित साप्ताहिक कार्यक्रमों के माध्यम से लक्ष्य समूह के लिए अभियान शामिल हैं।