कलाहांडी, (लिंगराज मिश्र): इस वर्ष का प्रतिष्ठित ‘देवगिरि सम्मान’ वरिष्ठ शोधकर्ता उमाशंकर कर को प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा कलाहांडी जिले के नर्ला ब्लॉक अंतर्गत बुढ़ीपदर में स्थित ओडिशा की अग्रणी सांस्कृतिक संस्था ‘देवगिरि सांस्कृतिक अनुष्ठान’ द्वारा की गई है।
भवानीपाटणा निवासी श्री कर को साहित्य, पत्रकारिता और शोध के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्था का सर्वोच्च सम्मान दिया जा रहा है। पिछले ५० वर्षों से अधिक समय से वे पत्रकारिता और सृजनात्मक लेखन में समर्पित हैं। सन् १९७३ से वे आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्य करते रहे हैं। वर्तमान में वे पीटीआई और द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के जिला संवाददाता हैं। सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में भी उनका योगदान अनुपम है। वे जिला सैनिक कल्याण बोर्ड, कलाहांडी जिला संस्कृति परिषद, जिला सड़क सुरक्षा समिति, भवानीपाटणा लैंड वैल्यूएशन बेंचमार्क कमेटी आदि के सदस्य रहे हैं। उन्होंने कलाहांडी जिला गजेटियर (नया संस्करण) तथा कलाहांडी उत्सव ‘घुमुरा’ के स्मारिका ‘कलाझरण’ का संपादन किया है। कलाहांडी के समग्र विकास के लिए तैयार उनका ‘विज़न डॉक्यूमेंट’ एक मूल्यवान दस्तावेज माना जाता है। उनके शोध लेख, लघुकथाएँ और लोक-साहित्य नियमित रूप से प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा आकाशवाणी से प्रसारित होते रहे हैं। अब तक उनके पाँच लघुकथा संग्रह, पाँच लोक-साहित्य संबंधी पुस्तकें, दो सामाजिक विषयों पर पुस्तकें तथा पाँच शोध-ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं। इनमें ‘आहत उपत्यकार स्वरलिपि’, ‘बुलाबाबांक की झूलामुणी’, ‘पश्चिम ओडिशार ढगढमाली’, ‘कलाहांडीर कथा’, ‘माणिक्यदेवी माणिकेश्वरी’, ‘ऐतिहासिक दुर्ग असुरगड़’, ‘कालांतररे कांतारक’, ‘वातायनरे कलाहांडी’ आदि उल्लेखनीय हैं।
इसी तरह इस वर्ष का ‘देवगिरि संभावना सम्मान’ ओडिआ कविता की सशक्त युवा आवाज़ ऐश्वर्या प्रधान को मिलेगा। जूनागड़ ब्लॉक के आटिगाँ में जन्मीं ऐश्वर्या की कविताओं में नारी मन की सूक्ष्म भावनाएँ — प्रेम, स्नेह, वियोग, एकाकीपन, आशा, निराशा, सामाजिक चेतना, संघर्ष तथा उससे निकला दर्शन खूबसूरती से उभरता है। वे अपने परिवेश, समाज और प्रकृति को अपनी अनुभूति का हिस्सा बनाकर उसे काव्यात्मक रूप देने में कुशल हैं। उनकी भाषा, लय, प्रतीक और भाव का सुंदर समन्वय पाठक को गहराई से स्पर्श करता है। उनकी पहली कविता-संग्रह ‘तुमे गला परे’ को खूब सराहा गया था, जबकि दूसरी पुस्तक ‘शेषभोग’ शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। वर्तमान में वे भवानीपाटणा में रहती हैं।
‘देवगिरि कला सम्मान’ विशिष्ट चित्रकार, कवि तथा अभिनेता डॉ. दीनबंधु साहू को प्रदान किया जाएगा। उन्होंने अब तक ५०० से अधिक स्केच बनाए हैं तथा देश के विभिन्न स्थानों पर २५ से अधिक एकल चित्र-प्रदर्शनियाँ, २५ से अधिक समूह प्रदर्शनियाँ तथा संगीत-चित्रकला युगल कार्यक्रम किए हैं, जिन्हें व्यापक प्रशंसा मिली है। विद्यार्थी जीवन से ही रंगमंच के प्रति आकर्षित डॉ. साहू ने ३० से अधिक नाटकों में अभिनय किया है तथा गायक की भूमिका में १० से अधिक ‘पाला’ प्रस्तुत किए हैं। वे ३० से अधिक पशु-पक्षियों और वाहनों की आवाज़ों की नकल भी कर सकते हैं। कवि के रूप में भी वे सुविख्यात हैं और उनके छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वर्तमान में वे भवानीपाटणा स्थित शहीद रेंडो माझी भेषज महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में भेषज विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं।
चयनित प्रतिभाओं को ६ से ८ दिसंबर तक देवगिरि सांस्कृतिक अनुष्ठान के ३३वें वार्षिक उत्सव तथा राज्य-स्तरीय कुमारस्वामी महोत्सव के दौरान आयोजित गोसिंह दैत्य दरबार में सम्मानित किया जाएगा। अन्य सम्मानों की घोषणा शीघ्र होगी — यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष संजय धंगड़ामाझी तथा महासचिव सुनील कुमार धंगड़ामाझी ने दी।

