तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने एक बहु-विभागीय पैनल का गठन किया जो राज्य के सचिवालय में आग लगने के पीछे के तकनीकी कारणों की जांच करेगा। इस आग के चलते सचिवालय में रखी महत्वपूर्ण फाइलें और फर्नीचर जलकर खाक हो गए थे। हालांकि, इस आग को 40 मिनट के भीतर की बुझा दिया गया।
मुख्य सचिव विश्वास मेहता द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया, राज्य सरकार ने कहा कि चार अन्य सदस्यों के साथ आपदा प्रबंधन के आयुक्त डॉ ए कोवसीगन की अध्यक्षता वाला एक बहु-विभागीय पैनल कई पहलुओं पर गौर करेगा, जिसकी वजह से आग लग गई। इसके बाद एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
वहीं, केरल के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सोने की तस्करी मामले में महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के लिए इस आग को जानबूझकर लगाया गया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने घोटाले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हालांकि, एफआईआर में कहा गया है कि कई फाइलें नष्ट हो गईं। लेकिन सत्ता पक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सचिवालय में आग केवल एक दुर्घटना थी और तस्करी से संबंधित कोई भी महत्वपूर्ण फाइल नहीं खोई है।
दूसरी तरफ, बुधवार को केरल में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। कई जिलों के मुख्यालय युद्ध-क्षेत्र में बदल गए क्योंकि प्रदर्शनकारियों और पुलिस झड़प हो गई। वहीं, इन घटनाओं में कई लोग घायल भी हुए।