तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन

सामायिक कर्म निर्जरा का सशक्त माध्यम -मुनि प्रशांत

गुवाहाटी (वर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी मुनि श्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्देशित अभिनव सामायिक तेरापंथ युवक परिषद् गुवाहाटी द्वारा आयोजित हुई। मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने त्रिपदी वंदना ध्यान जपाराधना एवं स्वाध्याय योग का अभिनव प्रयोग करवाया ।सामायिक कर्म निर्जरा का सशक्त माध्यम है ।सामायिक साधना के साथ तन्मयता जुड़ जाए तो सामायिक सार्थक हो जाती है ।

जप,ध्यान एवं स्वाध्याय से सामायिक सार्थक हो जाती है।सबसे पहले अर्हत गुरु एवं धर्म की शरण स्वीकार कर साधना का उपक्रम किया जाए तो समर्पण त्रिवेणी से भाव शुद्धि हो जाती है ।सामायिक न केवल क्रिया है अपितु चेतना जागरण का हेतु है ।सामायिक साधक को प्रमाद से बचाती है। श्रावक को प्रतिदिन सामायिक की साधना अवश्य करनी चाहिए। भगवान महावीर ने सामायिक को बहुत महत्व दिया।छः आवश्यक में सामायिक एक है ।

सामायिक में जागरूकता अपेक्षित है । संवर एवं निर्जरा दोनों एक साथ सामायिक की साधना में हो जाते हैं।मुनिश्री ने गजसुकुमाल एवं विशिष्ट साधकों का जीवन दर्शन का जीवंत वर्णन कर साधना का महत्व बताया।आगम आधारित प्रेरक प्रसंग व्यक्ति को प्रेरणा प्रदान करने के साथ-साथ पाप कर्म से बचाते हैं।सामायिक प्रतिदिन हमारी दिनचर्या का अंग बन जाए।

पर्युषण काल में विशेष रूप से धर्म साधना करनी चाहिए ।तप त्याग के माध्यम से आत्म कल्याण करना चाहिए। बिना आध्यात्मिकता के पर्युषण पर्व की कोई सार्थकता नहीं है।
तेरापंथ युवक परिषद् के कोषाध्यक्ष मुकेश बरडिया ने बताया – तेरापंथ युवक परिषद् के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। तेरापंथ युवक परिषद् के मंत्री पंकज सेठिया ने मुनिद्वय एवं उपस्थित परिषद का आभार व्यक्त किया।सैकड़ो साधकों ने अभिनव सामायिक का प्रयोग किया।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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