भड़काऊ भाषण के एक मामले की जांच कर रही गुजरात पुलिस ने रविवार को मुंबई से इस्लामी उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी को पहले हिरासत में लिया फिर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इधर गिरफ्तार किए जाने से समर्थकों में गुस्सा फूटा और जमकर बवाल किया.
मुफ्ती को घाटकोपर थाना लाया गया, समर्थकों ने काटा बवाल
अधिकारी ने बताया कि मुफ्ती सलमान को घाटकोपर पुलिस थाने लाया गया है. इधर मुफ्ती की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा. मुफ्ती के सैकड़ों समर्थक उनकी तत्काल रिहायी की मांग करते हुए पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए, इससे इलाके में यातायात जाम हो गया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने थाने के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.
मुफ्ती ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की
हेट स्पीच मामले में गिरफ्तार किए गए मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी ने अपने समर्थकों से विरोध न करने का अनुरोध किया है. उन्होंने समर्थकों से बात करते हुए कहा, न तो मैं अपराधी हूं, न ही मुझे अपराध के सिलसिले में यहां लाया गया है. वे आवश्यक जांच कर रहे हैं और मैं उनका सहयोग भी कर रहा हूं. अगर यह मेरे भाग्य में होगा तो मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं.
क्या है मामला
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के जूनागढ़ की पुलिस ने उपदेशक द्वारा कथित तौर पर दिया गया एक भड़काऊ भाषण सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद इस सिलसिले में दो लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि यह भाषण 31 जनवरी की रात को यहां ‘बी’ डिवीजन पुलिस थाने के पास एक खुले मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया था. भड़काऊ भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अजहरी और स्थानीय आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी और 505 (2) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मुफ्ती के वकील ने सुनाई गिरफ्तारी की पूरी कहानी
नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में गिरफ्तार किए गए मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी के वकील वाहिद शेख ने बताया, मौलाना मुफ़्ती सलमान अजहरी के घर पर सुबह के समय सिविल ड्रेस में 35-40 पुलिसकर्मी पहुंचे. हमने उनसे उनके यहां आने के उद्देश्य के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी. मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी से मिलने के बाद पुलिस ने बताया कि 153 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी उनके साथ पुलिस स्टेशन आए और सहयोग भी किया, लेकिन उन्हें छोड़ने को लेकर कोई बात नहीं हुई.