लंबी छुट्टी के बाद, भारतीय शेयर बाजार ने पिछले सप्ताह निगेटिव क्लोजिंग को भूलते हुए नयी शुरूआत की है. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ग्लोबल मार्केट से मिल रहे मजबूत संकेतों के बीच सेंसेक्स सुबह 9.25 बजे 0.77 प्रतिशत यानी 545.48 अंकों की तेजी के साथ 71,246.15 पर कारोबार कर रहा था. जबकि, निफ्टी 0.68 प्रतिशत यानी 145.85 अंकों की तेजी के साथ 21,498 के पार निकल गया है. लगभग सभी इंडेक्स में तेजी देखने को मिल रही है. इस सप्ताह निवेशकों का ध्यान 31 जनवरी को यूएस फेड के दर परिणाम और 1 फरवरी को अंतरिम बजट पर केंद्रित है. ऐसे में निवेशको संभलकर पैसा लगा सकते हैं. आज आईटीसी, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, गेल, बीपीसीएल, वोडाफोन आइडिया, अदानी ग्रीन, मैरिको और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं.
क्या है सेंसेक्स का हाल
तीस शेयरों वाले सेंसेक्स के 25 शयरों में तेजी देखने को मिली है. केवल पांच शेयर लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सन फॉर्मा के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला. कंपनी के शेयर 2.55 प्रतिशत ऊपर चढ़कर बाजार का टॉप गेनर बना हुआ है. इसके अलावा एनटीपीसी 1.72 फीसदी, पावरग्रिड 1.63 फीसदी, कोटक महिंद्रा बैंक 1.59 फीसदी, एक्सिस बैंक भी में 1.52 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है. निफ्टी पर ONGC, SBI Life Insurance, Adani Enterprises, HDFC Bank और Sun Pharma टॉप गेनर स्टॉक में शामिल हुए. जबकि, Cipla, Dr Reddy’s Labs, Bajaj Auto, BPCL और ITC टॉप लूजर शेयरों की श्रेणी में शामिल हुए.
एशिया के अन्य बाजारों में भी तेजी
एशिया में शेयरों ने बढ़त बनाए रखी. जापान का निक्केई 0.8 फीसदी ऊपर था. ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 0.35 प्रतिशत बढ़ा. दक्षिण कोरिया में कोप्सी और हांगकांग में हैंग सेंग ने 1 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई. शुक्रवार कोअमेरिकी बाजारों में सुस्ती दिखी थी. DOW में मजबूती देखने को मिल रही है. सोमवार की सुबह WTI CRUDE की कीमतों में 0.38% की तेजी देखने को मिली. इसके बाद भाव 78.31 डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, BRENT CRUDE OIL की कीमतों में 0.35 प्रतिशत का उछाल आया जिसके बाद कीमत 83.84 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया. बताया जा रहा है कि ईरान समर्थित उग्रवादियों ने लाल सागर में एक टैंकर को निशाना बनाकर अलग-अलग हमले किया. सात ही, जॉर्डन में 3 अमेरिकी सैनिकों की हत्या कर दी है. इसका कारण तेल की कीमतों में आग लगने की संभावना है.