श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान की बात है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा था. अटल जी मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में भोजन कर रहे थे. रात में उन्हें दिल्ली लौटना था. इतने में लखनऊ के जिलाधिकारी और तत्कालीन राज्यपाल के सलाहकार अचानक कमरे में आ गये. लालजी टंडन ने उन्हें बताया कि अटल जी भोजन कर रहे हैं और आप लोग यहां तक पहुंच गये. तत्कालीन जिलाधिकारी ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि अमौसी हवाई अड्डे पर एक लड़का दिल्ली जाने वाले हवाई जहाज में चढ़ गया है. उसके हाथ में हथगोला जैसी कोई वस्तु है. कह रहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी को बुलाओ, नहीं तो इस जहाज को उड़ा दूंगा. अटल जी खाना बीच में छोड़कर खड़े हो गये और बोले कि चलो चलते हैं. आखिर दो सौ लोगों के जीवन का सवाल है. एयरपोर्ट पहुंचकर अटल जी ने टावर पर चढ़कर लड़के से बात की, पर वह लड़का मानने को तैयार नहीं था कि अटल जी ही बोल रहे हैं. आखिरकार अटल जी ने हवाई जहाज के पास ले चलने को कहा. अटल जी को देखते ही वह उनके पैर छूने के लिए झुका कि सुरक्षा बलों ने उसे दबोच लिया. लड़के ने हाथ में ली वस्तु को फेंकते हुए कहा कि यह कुछ नहीं, सिर्फ सुतली का गोला है. अटलजी ने कहा कि इसने नादानी में इस घटना को अंजाम दे दिया. इसकी जमानत जरूर करा देना, जिससे इसका भविष्य न खराब हो.
सम्मान व पुरस्कार
- पद्म विभूषण : 1992
- लोकमान्य तिलक पुरस्कार : 1994
- सर्वश्रेष्ठ सांसद : 1994
- भारत रत्न : 2015