Exit Poll Results : जानिए कैसे होता है एग्जिट पोल और भारत में कब हुई थी इसकी शुरुआत?

Exit poll 2023 : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ रहे हैं, जो मतगणना से पहले यह बताएंगे कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम किसकी बनने की संभावना है. 30 नवंबर को पांच राज्यों में हुए चुनाव का अंतिम दिन था. तेलंगाना में आज पांच बजे मतदान संपन्न हुआ और उसके बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ रहे हैं.

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1996 में हुई

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1996 के लोकसभा चुनाव में हुई थी जब सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज जिसे हम सीएसडीएस के नाम से ज्यादा जानते हैं, उसने एग्जिट पोल किया था और यह संभावना जताई थी कि देश में बीजेपी की सरकार बनेगी और यह सच हुआ था. उसके बाद से देश में एग्जिट पोल हो रहे हैं और देखा यह गया है कि इसके नतीज हमेशा सौ फीसदी ना सही पर काफी हद तक सटीक ही बैठते हैं.

क्या होता है एग्जिट पोल

जो संस्थान एग्जिट पोल कराती है, वह सैंपल सर्वे करती है और मतदान करके निकलने वाले लोगों से यह पूछती है कि उसने किसे वोट दिया. उनकी राय को बिलकुल गुप्त रखा जाता है और वोटिंग के लिए पर्ची का प्रयोग किया जाता है , जिसे वे एक बंद डिब्बे में डालते हैं. मतदाताओं की राय वोटिंग के तुरंत बाद ली जाती है, ताकि मतदाता किसी से प्रभावित ना हो. इस तरह जो आंकड़े जमा होते हैं, उनका विश्लेषण कर विशेषज्ञ यह संभावना व्यक्त करते हैं कि चुनाव परिणाम क्या हो सकते हैं.

एग्जिट पोल की शुरुआत अमेरिका से हुई

एग्जिट पोल की शुरुआत अमेरिका से हुई है, जहां राष्ट्रपति चुनाव के वक्त आम मतदाताओं से उनकी राय मांगी गई और एग्जिट पोल किया गया. हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे सौ फीसदी सच नहीं होते हैं. बिहार में जब महागठबंधन बना था तो एग्जिट पोल के नतीज फेल हुए थे. छत्तीसगढ़ को लेकर पिछली दफा जिन संस्थाओं ने एग्जिट पोल किए थे, वे सफल नहीं हो पाए थे, सिर्फ एक संस्था का पोल सही साबित हुआ था.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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