“करें व्यसन को इनकार बनाएं जीवन खुशहाल” : कन्या मंडल द्वारा कार्यक्रम

नशा करें प्रभु भक्ति का -मुनि प्रशांत

सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनिश्री प्रशांत कुमार जी, मुनिश्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ कन्या मंडल सिलीगुड़ी द्वारा “करें व्यसन को इनकार बनाएं जीवन खुशहाल” कार्यक्रम आयोजित हुआ। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा – जीवन बहुरंगी है। जीवन में विभिन्न पदार्थों का उपयोग किया जाता है। जो पदार्थ उपयोगी है, विकास का माध्यम है, उनका प्रयोग करना चाहिए। जो पदार्थ विकृति पैदा करते है उनका परहेज करना चाहिए। नशा मुक्ति सबके लिए जरूरी है।चिंतन करें मुझे अपने जीवन को कैसे बनाना है। सही रास्ते पर कैसे आगे बढ़ाना है। जिनकी बुद्धि विपरीत होती है उन्हें गलत पदार्थ में रस आता है। वही अच्छे लगते है।

नशा करना है तो प्रभु भक्ति का नशा करें।धर्म की चेतना जगे वैसा नशा करें। ऐसा नशा करने लग जाए तो जीवन का आनंद ही अलग हो जाएगा। जीवन का मूल्य बढ़ जाएगा। धर्म के मार्ग पर जिसे रस आ जाता है, रुचि बढ़ जाती है,वह विकास की ओर जाता है। जैन व्यक्ति को तो सप्तह व्यसन से दूर रहना चाहिए। ये नरक के हेतु होते है।

वर्तमान जीवन के साथ-साथ भविष्य को सुखद बनाने के लिए नशे की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। स्वयं का स्वयं पर नियंत्रण होना जरूरी है। नशा भटकाव का रास्ता है।हम अपने संस्कारों की सुरक्षा करें। हमें उन विकृतियों से बचना चाहिए जिनके कारण स्वास्थ्य, परिवार एवं धर्म की हानि होती है। जीवन को हमें आनंदमय बनना है तो व्यसन मुक्त जीवन जिएं।

मुनिश्री कुमुद कुमार जी ने कहा – जैन दर्शन पदार्थवादी नहीं आत्मवादी दर्शन है। आत्मतत्व की सुरक्षा एवं आत्मतत्व का विकास जीवन का यथार्थ चिंतन होना चाहिए। जैन दर्शन में जीने की कला के साथ-साथ मरण की कला भी बताई गई। जैनत्व की संस्कृति व्यक्ति के आत्मविकास के साथ- साथ शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास का माध्यम बनती है। वर्तमान की बहुत बड़ी विडम्बना कि व्यक्ति नशा एवं मांसाहार सेवन को अपना स्टेटस मान रहा है।सप्तह व्यसन से मुक्त जैन श्रावक की पहचान थी,आज उसके सामने प्रश्न चिह्न खड़ा है। व्यसन समाज में तेजी से हावी होता जा रहा है, जिसके दुष्परिणाम व्यक्ति, परिवार एवं समाज में देखने को मिल रहें है। व्यक्ति सुधार से ही समाज एवं राष्ट्र का विकास होता है।


कन्या मंडल के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कन्या मंडल ने व्यसन पर नाटिका की प्रस्तुति दी। सभी को जीवंत प्रेरणा देते हुए सभी कन्याओं ने सभी प्रकार के व्यसन से मुक्त रहने का मुनि श्री से संकल्प स्वीकार किया। आभार ज्ञापन कन्या मंडल प्रभारी श्रीमती जूली बोथरा ने किया। कार्यक्रम का संचालन कन्या मंडल प्रभारी श्रीमती शौभा बैद ने किया।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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