मानव जाति के उत्थान का कार्य है अणुव्रत -मुनि प्रशांत
सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी मुनि श्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य, अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में पूर्वांचल अणुव्रत कार्यकर्ता संगोष्ठी का आयोजन अणुव्रत समिति सिलीगुड़ी द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा – अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा पूर्वांचल स्तरीय अणुव्रत कार्यकर्ता संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है। बहुत आवश्यक है कि कार्यकर्ता को अच्छा प्रशिक्षण दिया जाए। अणुव्रत एक ऐसा तत्व जिसने तेरापंथ को आगे पहुंचाया। आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत की बात से यात्रा की जन- जन तक अणुव्रत को पहुंचाया। अणुव्रत किसी सम्प्रदाय के लिए नही सबके लिए है।आचार्य श्री तुलसी का सपना था कि ऐसे कार्यकर्ता मिले जो उदार हो, दृष्टिकोण संकीर्ण न हो। व्यसन मुक्त हो। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी ने इस अणुव्रत आंदोलन को महत्व दिया। इस वर्ष की यात्रा को अणुव्रत यात्रा के रूप में घोषित किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय पदाधिकारी अणुव्रत के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है। दायित्व को निष्ठा से निभा रहे हैं। अविनाश जी नाहर धर्मसंघ के प्रति समर्पित श्रावक कार्यकर्ता है। वर्षो से संघ में सेवा दे रहे है। कार्यकर्ता में जोश भर रहे हैं। अच्छा दिशा दर्शन दे रहे है। भीखम जी सुराणा, प्रताप जी दुगड़ सक्रिय कार्यकर्ता है, अच्छा कार्य कर रहे हैं। पूर्वांचल के समर्पित कार्यकर्ता आए हैं। समर्पण भाव से ये कार्य करते हैं तभी संघ एवं समाज का विकास होने से राष्ट्र स्वस्थ प्रगति की ओर बढ़ता है। गुरुदेव श्री तुलसी का कहना था कि अणुव्रत व्यापक क्षेत्र है। कार्य करने का अवकाश बहुत है। कितने कितने क्षेत्र में अणुव्रत के माध्यम से कार्य किया जाता है। अणुव्रत मानव जाति का कार्यक्रम है।नशा मुक्त बनाएं। संकल्पों को जीवन में धारण करें। अणुव्रत का जितना व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाएगा उतना ही मानव जाति का उत्थान होगा एवं अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी का सपना साकार होगा।
अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर ने कहा – अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी, वर्तमान अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी की प्रेरणा, मार्गदर्शन एवं व्यापक उदार चिंतन तथा कार्यकर्ता के सहयोग से अणुव्रत आंदोलन ने चरम ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। कोई भी आंदोलन पचहत्तर वर्ष तक पहुंचा नही है सिर्फ अणुव्रत को छोड़कर। अणुव्रत ने तेरापंथ की अलख को विश्व स्तरीय बनाया है। अणुव्रत आंदोलन पचहत्तर वर्ष से चल रहा है। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ने का कार्य कर रही है। आचार्य श्री महाश्रमणजी ने अणुव्रत अमृत वर्ष एवं अणुव्रत यात्रा की घोषणा की तब से कार्यकर्ता में जोश एवं जूनून है। अणुव्रत प्रचार प्रसार का माध्यम ही नहीं अपितु लाइफ स्टाइल है। स्वस्थ जीवन जीने की शैली है। इस आंदोलन को ओर अधिक गति प्रगति देनी है जिसमें विश्व में भारत की पहचान आध्यात्मिकता के साथ साथ नैतिक,प्रामाणिक एवं स्वस्थ आचार- विचार के रूप में व्यापक बनें। अणुव्रत समिति सिलीगुड़ी के लिए शुभकामनाएं अच्छे ढंग से कार्य करने के लिए। सभा, तेयुप, महिला मंडल, टीपीएफ का सहयोग गुरुदेव के मिशन को साकार करेगा। राष्ट्रीय महामंत्री भीखम जी सुराणा ने कहा – यह तीसरी संगोष्ठी पूर्वांचल कार्यकर्ता के रूप में आयोजित हो रही है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य अणुव्रत समिति का संचालन कैसे करे ? कार्यकर्ताओं की अणुव्रत के प्रति जिम्मेदारी। पदाधिकारी की जिम्मेदारी। सिलीगुड़ी पूर्वांचल का सेंटर है यहां से प्राप्त प्रशिक्षण से कार्यकर्ता ऊर्जावान होकर जाएंगे ऐसा विश्वास है।
प्रथम सत्र का शुभारंभ अणुव्रत समिति के सदस्यों के अणुव्रत गीत से हुआ। अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति सिलीगुड़ी अध्यक्षा श्रीमती डिम्पल बोथरा ने दिया।मुख्य अतिथि अमित जैन ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन पूर्वांचल कार्यकर्ता प्रशिक्षण संगोष्ठी के संयोजक सुरेन्द्र छाजेड़ ने किया। अणुविभा के राष्ट्रीय पदाधिकारीओं ने सिलीगुड़ी अणुव्रत समिति एवं तेरापंथ सभा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। प्रथम सत्र का संचालन भरत चौरडिया ने किया। द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अणुव्रत कार्यकर्ता की भूमिका विशिष्ट क्यों को उजागर करते हुए सारगर्भित विचार व्यक्त किए। संचालन छतरसिंह चौरडिया ने किया। तृतीय सत्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप दुगड़, महामंत्री भीखम सुराणा ने संस्था संचालन, पदाधिकारी की जिम्मेदारी, संस्था संगठन के साथ साथ वार्षिक अधिवेशन की विस्तृत जानकारी प्रदान की इस सत्र का संचालन विनोद बोथरा ने किया। कार्यकर्ताओं की जिज्ञासा का समाधान सम्यक रूप से किया गया। आभार ज्ञापन अणुव्रत समिति सिलीगुड़ी की मंत्री श्रीमती सुनीता बैद ने किया। बंगाल, बिहार,आसाम और नेपाल से सोलह क्षेत्रों के कार्यकर्ता इस प्रशिक्षण संगोष्ठी में सहभागी बने। अतिथियों का खादा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।