सोमवार 3 जुलाई इतिहास का सबसे गर्म दिन रहा है. अमेरिका के मौसम विभाग ने बताया है कि शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक सोमवार का तापमान औसत से 17 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था और ऐसा पहली बार हुआ है.
रिपोर्ट में कही गई ये बात
रिपोर्ट में सोमवार को विश्व स्तर पर अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है. यूएस सेंटर ने कहा है कि दुनिया भर में लू की वजह से वैश्विक औसत तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस (62.62 फ़ारेनहाइट) तक पहुंच गया है, जो अगस्त 2016 के 16.92C (62.46F) के रिकॉर्ड को पार कर गया है.
ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज में ग्रांथम इंस्टिट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज एंड एनवायरमेंट के जलवायु वैज्ञानिक फ्रीडरिके ओटो ने कहा कि यह एक ऐसा मील का पत्थर है, जिसे पार करने पर हमें कोई खुशी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “यह लोगों और ईको सिस्टम के लिए मौत की सजा है.”
वैज्ञानिक जेके होफ्सफादर ने कही ये बात
बर्कली अर्थ इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक जेके होफ्सफादर ने एक बयान में कहा, “दुर्भाग्य से यह इस साल स्थापित हुए नये रिकॉर्ड की पूरी सूची में महज एक रिकॉर्ड है क्योंकि उत्सर्जन बढ़ने और ग्रीन हाउस गैसों के साथ-साथ अल नीनो प्रभाव मिलकर तापमान को नयी ऊंचाई की ओर धकेल रहे हैं.”
लौट आया है अल नीनो
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के मौसम पर काम करने वाले संगठन डब्ल्यूएमओ ने कहा था कि अल नीनो लौट आया है. पिछले कई हफ्तों से इस बात का पूर्वानुमान जाहिर किया जा रहा था, जिसकी मौसम विभाग ने पुष्टि की है.