दक्षिण का द्वार’ कहे जाने कर्नाटक में भाजपा अब सत्ता से बाहर हो चुकी है. कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर राज्य में 10 साल बाद अपने दम पर सत्ता में वापसी करके, सरकार बनाने की ओर बदम बढ़ा दिया है. 1989 के विधानसभा चुनाव के बाद यह कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. इस तरह राज्य में किसी सत्तारूढ़ पार्टी के लगातार दूसरी बार सत्ता में वापस नहीं होने का 38 साल पुराना रिवाज एक बार फिर कायम रहा. इस बीच सबके मन में एक सवाल आ रहा है कि कांग्रेस की जीत के बाद कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
इधर, सीएम पद की दावेदारी को लेकर पोस्टर वॉर शुरू हो चुका है. जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के समर्थकों ने बेंगलुरु में सिद्धारमैया के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है जिसमें उन्हें “कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री” बताया गया है. वहीं दूसरी ओर बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया, जिसमें उन्हें कर्नाटक का “मुख्यमंत्री” घोषित करने की मांग की गयी. इस तरह देखा जाए तो कर्नाटक में जीत के बाद भी कांग्रेस की टेंशन खत्म नहीं हुई है.
कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक आज
कर्नाटक के कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के मुताबिक, कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक रविवार को शाम करीब साढ़े पांच बजे होगी. कर्नाटक में कांग्रेस को 42.88 फीसदी मत मिले हैं, जबकि पार्टी को 2018 में करीब 38 फीसदी मत मिले थे. राज्य के छह क्षेत्रों में से, कांग्रेस ने पुराने मैसूरु, मुंबई कर्नाटक, हैदराबाद कर्नाटक और मध्य कर्नाटक क्षेत्रों में जीत दर्ज की. वहीं, भाजपा केवल तटीय कर्नाटक में अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल रही, जबकि बेंगलुरु में दोनों दलों का मिलाजुला प्रदर्शन रहा.
सीएम पद के प्रबल दावेदार सिद्धारमैया व शिवकुमार
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्य तौर पर दौड़ में हैं. सिद्धरमैया वर्ष 2013 से 2018 तक राज्य के सीएम रह चुके हैं. वह कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. वहीं, कांग्रेस के संकट मोचक कहे जानेवाले डीके शिवकुमार को सोनिया और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. वह वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.