नई दिल्ली: भारत के मुद्रा अवमूल्यन पर लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि “संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से ईर्ष्या करते हैं”. उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है लेकिन विपक्ष को इससे समस्या है. भारत के विकास पर सभी को गर्व होना चाहिए लेकिन कुछ लोग इसे मजाक के तौर पर लेते हैं.
सीतारमण कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी के सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार ने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि भारतीय मुद्रा “दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है और पहली बार 83 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई है” और स्लाइड को रोकने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण मांगा. रेड्डी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, जो अब प्रधान मंत्री हैं, के 2013 के एक बयान का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया.
जानकारी हो कि मोदी ने अक्टूबर 2013 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था, “आज रुपया आईसीयू में है. मुझे नहीं पता कि तमिल लोगों ने इस व्यक्ति को दिल्ली क्यों भेजा.” इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कार्य योजना है कि रुपया “आईसीयू से घर लौट जाए”. इसपर सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत रहा है. रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया है कि उसे यह सुनिश्चित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करना है कि डॉलर-रुपये में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक न हो जाए.
सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे घटकर 82.63 पर आ गया, क्योंकि घरेलू इक्विटी में भारी बिकवाली का दबाव और विदेशी बाजार में मजबूत ग्रीनबैक ने निवेशकों की भावनाओं को तौला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 82.54 पर कमजोर खुली, फिर पिछले बंद के मुकाबले 35 पैसे की गिरावट दर्ज करते हुए 82.63 पर आगे की गिरावट दर्ज की.