Himachal Pradesh New Government: हिमाचल प्रदेश को अब तक का पहला उपमुख्यमंत्री मिला है और मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को इस पद की शपथ ली. बताया जा रहा है कि निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री का समायोजन करने के लिए कांग्रेस ने यह कदम उठाया है. दरअसल, मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदारों में से एक थे.
गुटबाजी को कम करने के लिए पार्टी ने उठाया कदम
बताया जाता है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम के आधार पर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कई गुट मुख्यमंत्री पद के लिए दावा कर रहे थे. पार्टी ने नयी गठित सरकार पर खतरा रोकने और गुटबाजी को कम करने के लिए त्वरित कदम उठाया. सुखविंदर सिंह सुक्खू राजपूत हैं, जबकि मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण हैं.
कांग्रेस में मतभेद कोई नई बात नहीं
हालांकि, कांग्रेस में ऐसा मतभेद कोई नई बात नहीं है. 1967 में बागियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार की अगुवाई वाली सरकार को गिराने और विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन की धमकी दी थी. तब विधानसभा में काफी गहमागहमी हुई थी और तीन वरिष्ठ कांग्रेस विधायकों ठाकुर करम सिंह, पंडित पदम देव और विद्या धर को विपक्ष के साथ जाने से रोकने के लिए उनकी मुख्यमंत्री के साथ लंबे समय तक एकांत में मंत्रणा हुई थी. उसके बाद जब वे सदन में लौटे तो उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया. सौदेबाजी के तहत करम सिंह और पंडित पदम देव को कैबिनेट मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और विद्याधर उपमंत्री बनाये गये थे, लेकिन तब भी किसी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था.
मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दोनों ही हमीरपुर से
इसके बाद 1993 में जब कांग्रेस को 68 में से 56 सीट मिली, तब पार्टी वीरभद्र सिंह और सुखराम गुट में बंट गयी थी तथा आखिरकार वीरभद्र सिंह को नेता चुना गया था एवं सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी थीं. लेकिन, उस वक्त भी किसी को उपमुख्यमंत्री नहीं नियुक्त किया गया था. वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र हमीरपुर से आते हैं और इस संसदीय सीट के प्रतिनिधि बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर हैं.
किसी भी मंत्री ने नहीं ली शपथ
बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल का बाद में विस्तार किया जाएगा. पहले माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ ही कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. रविवार को केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने पद की शपथ ग्रहण की. पार्टी ने जातीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा है. कांग्रेस के ग्यारह विधायकों के बागी होने को लेकर रविवार को एक अफवाह उड़ती रही है. जबकि, सभी विधायक शपथ समारोह में मौजूद थे. गौरतलब है कि शपथ समारोह से पहले सुक्खू होलीलॉज जाकर प्रतिभा सिंह से भी मिले थे. इस दौरान दोनों नेताओं में सत्ता और संगठन से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई थी.