iFOREST द्वारा आयोजित वेबिनार में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, थर्मल पावर प्लांट, श्रमिक संघ, शोधकर्ता और गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस वेबिनार में, आईफाॅरेस्ट के अध्यक्ष और सीईओ चंद्र भूषण ने कहा कि यदि ऊर्जा मंत्रालय 2030 तक 25 साल से अधिक पुराने कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों को बंद करने का फैसला लेता है तो 50 से 60 हजार मेगावाट क्षमता का उत्पादन ठप होगा. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मंत्रालय इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता को बंद करके उसका विकल्प तैयार कर चुकी है? साथ ही अगर उत्पादन इकाइयां बंद होती हैं तो जस्ट ट्रांजिशन के लिए क्या व्यवस्था की गयी है? खासकर मजदूरों और पर्यावरण के नजरिये से इसे देखा जाना जरूरी है.