Dusshera 2023 : जानें दशहारा का पर्व क्यों होता है खास

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगा.

विजयादशमी के दिन हुआ था रावण का वध

मान्यता है कि रावण का वध करने के कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की थी.

रावण के पुतले को जलाने के साथ इंसान अपने अंदर के अहंकार और क्रोध करता है का नाश

रावण के पुतले को जलाकर हर इंसान अपने अंदर के अहंकार और क्रोध का नाश करता है. इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है.

महिषासुर का वध

महिषासुर का वध

दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था. इसलिए इसे विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है. देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपराएं बिल्कुल अलग है.

विजयादशमी के दिन की जाती हैं खरीदारी

विजयादशमी के दिन ही शस्त्रों की पूजा की जाती है. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है. यह दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदने का शुभ प्रतीक होता है.

नीलकंठ पक्षी

नीलकंठ पक्षी का दर्शन होता है शुभ

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन होना शुभ माना जाता है. नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से पैसों और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है. मान्यता है कि यदि दशहरे के दिन किसी भी समय नीलकंठ दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है.

मांगलिक कार्य होता है शुभ

इस दिन सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा जाते हैं. इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं, रामलीला का आयोजन भी किया जाता है.

विजयादशमी के दिन होता विवाह संस्कार है अशुभ

विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार अशुभ माना गया है.

पान का बीड़ा

पान का बीड़ा होता है शुभ

विजयादशमी के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद दहन के पश्चात पान का बीड़ा खाना सत्य की जीत की खुशी को व्यक्त करता है.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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