नववर्ष मंगलपाठ एवं मंगलकामना का आयोजन

मंगलभावों से करें नववर्ष का स्वागत – मुनि प्रशांत

राजगांगपुर (वर्धमान जैन): मुनि प्रशांत कुमार जी मुनि कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में नववर्ष मंगलपाठ एवं मंगलकामना कार्यक्रम आयोजित हुआ। सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा – हम केवल नया वर्ष ही नहीं नया दिन मनाएं। हमे प्रतिदिन नया दिन मिलता है। मिलने वाली वस्तु का सदुपयोग या दुरूपयोग करना यह आपका चिंतन होता है। चौबीस घंटे का समय हमे प्रतिदिन मिलता है। स्वयं का लक्ष्य ऊंचा बनाए। कालूषित भावनाएं से समस्या पैदा हो जाती है। दूसरो के लिए भी हमारा जीवन मंगलमय बनें। मुझे अपनी आत्मा का कल्याण करना है। कर्मो से हल्का बनना है। नये वर्ष पर यह कामना करे मुझे अपने जीवन विकास के साथ दूसरों के विकास में योगभूत बनना है। हमारा आचरण मंगलमय बनें। हमारा हर कदम मंगलमय हो। हम कभी अमंगल सोचे ही नहीं। किभी किसी का बूरा करे ही नहीं। सकारात्मक चिंतन से सभी का सहयोग अपने आप मिलता है। यह संकल्प करें इस वर्ष में किसी का अहित नहीं करूंगा। किसी के साथ गलत व्यवहार नही करूँगा। बूरा चिंतन नहीं करूंगा। ऊंची आवाज में नहीं बोलूंगा। इस वर्ष गुस्से का प्रयोग नहीं करूंगा। सकारात्मक संकल्प ग्रहण कर नववर्ष का स्वागत करें। शांति सुकुन चाहिए पर कहा से मिलेगा, कैसे मिलेगा यह हमे सोचना चाहिए जैसा हम देंगे हमे वैसा ही मिलने वाला है। अपने आप को योग्य पात्र बनाएं। इस अवसर पर मुनिश्री ने भक्तामर स्त्रोत, लोगस्स पाठ, श्री पैंसठिया छंद, उपसर्गहर स्त्रोत, घंटाकर्ण मंत्र, श्री जिन पंजर स्तोत्र, नवकार स्तुति सर्वसिद्धि चार शरण सूत्र का उच्चारण के साथ मंगल पाठ का समापन किया। इस अवसर पर श्रावक-श्राविकाओं ने एक वर्ष के लिए विभिन्न संकल्प लिए।

मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा-वर्ष समाप्ति के साथ दिन बदला। कैलेण्डर भी हम बदल देते हैं। कैलेण्डर बदलने के साथ-साथ हम अपनी सोच भी बदलें। सोच बदलने से हमारा व्यवहार एवं आचरण बदलता है। नई सोच के साथ नये वर्ष में प्रवेश करें। हम अपनी आदतों में परिवर्तन लाएं। अपनी जीवनयात्रा को सुखद बनाने के लिए सबसे पहले स्वयं के प्रति मंगल कामना करें। जिस व्यक्ति के साथ हमारा बोलचाल का व्यवहार बंद है उसके प्रति मंगलकामना शुभभावना करें। जबतक हम स्वयं को नहीं बदलते तब तक कपडे, मकान या कैलेण्डर बदलने से भला होने वाला नही है। स्वाध्याय ध्यान एवं आत्मचिंतन के द्वारा अपने जीवन में परिवर्तन लाएं। पूरे वर्षभर के लिए संकल्प लेकर शुभ भविष्य निर्माण करें। भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं सभ्यता की गौरवमय तत्वों की अभिवृद्धि कर जीवन को पावन बनाएं।

रोहित जैन ने बताया- कार्यक्रम का शुभारम्भ कन्याओं के स्वागत गीत से हुआ। बगुमुंडा से तुलसी जी जैन, राजगांगपुर सभा अध्यक्ष हेमंत कोठारी, महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमति संगीता बुच्चा, कांटाबांजी सभा अध्यक्ष युवराज जी जैन, बलांगीर से संजीव जी जैन, राउरकेला महिला मण्डल, प्रांतीय सभा अध्यक्ष मुकेश जी जैन, कांटाबांजी महिला मण्डल- कन्या मण्डल ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा अपनी मांगलकामना व्यक्त की। आभार ज्ञापन रोहित जैन ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन वंदिता जैन एवं ऋषभ जैन ने किया। कलकता, कांटाबांजी, कटक, बलांगीर, बगुमुंडा, सिंघिकेला, कुरसुर, झारसुगुडा, राउरकेला, चक्रधरपुर, खरगपुर क्षेत्रो के श्रावक समाज उपस्थित रहा। मुनिश्री ने इस अवसर पर व्यसन मुक्त रहने का संकल्प करवाया। मुनिद्वय ने राजगांगपुर की सेवाभावना, धर्मनिष्ठा, जागरूकता की प्रशंसा करते हुए प्रमोदभाव व्यक्त किए।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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