संतो का जीवन जीवंत सीख है -मुनि रमेश
बेलपाडा (वर्धमान जैन): टिटलागढ़ का चातुर्मास सम्पन्न कर मुनि रमेश कुमार जी ठाणा – 2, कांटाबांजी चातुर्मास सम्पन्न कर मुनि प्रशांत कुमार जी ठाणा – 2 का अद्भूत आध्यात्मिक मिलन बेलपाडा की धरा पर हुआ। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा – दो संतो का मिलन सदैव सुखदाई होता है। संतो के पास जाए तो माया अभिमान को छोडकर जाए। त्यागी, तपस्वी संतो के पास जाने से पहले अपने कषायो को छोड़कर जाए तो जीवन में आनन्द आता है। तेरापंथ धर्मसंघ के साधु – साध्वी का मिलन प्रमोद भाव को बढाने वाला हैं। संत की शिक्षा जीवंत सीख है। जीवन का कल्याण करने के लिए संत चातुर्मास करते है। आत्मकल्याण के साथ पर कल्याण करना उनका उद्देश्य होता है। संतो की संगत से अपने व्यवहार, जीवनशैली में परिवर्तन आना चाहिए। मुनि प्रशांत कुमारजी सक्षम संत है, धर्मसंघ के प्रभावशाली संत है, जैसा नाम वैसा गुण है। मुनि कुमुद कुमार जी कर्मठ संत है। कुमुद मुनि जैसे सहवर्ती संतो का साथ अग्रणी का सौभाग्य है। मुनिगण ने कांटाबांजी को सजाया संवारा, सिंचन दिया है। ये उर्वरा क्षेत्र है। टिटलागढ का चातुर्मास सम्पूर्ण समाज के सहयोग की निष्पति है। पश्चिम उडीसा श्रद्धा, भक्ति, सेवा, समर्पण का क्षेत्र है। यहां से अनेक उपासक तैयार हो सकते हैं।
मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा- आचार्यप्रवर की छत्रछाया हमारे जीवन को सरसब्ज बना देती है। संतो का जब मिलन होता है तो संत भीतर से मिलन करते है, मन से मिलते है। यह मिलन आप के लिए प्रेरणादायी बने। सभी अपने परिवार में प्रेम, सौहार्द से रहे, भीतर से आनन्दमय रहे। अध्यात्म हमे भीतर की खुशी देता है। बाहरी साधन अल्पसुख देता है। आत्मिक सुख, स्थाई आनन्द अध्यात्म से मिलता है। संतों के मिलन से प्रेम का वातावरण बना है। कांटाबांजी एवं टिटलागढ़ दोनों क्षेत्रों मे अच्छी जागृति आई है कांटाबांजी समाज का सौहार्द प्रेरक है। सभी संस्थाएं धर्मसंघ के प्रति समर्पित एवं जागरूक है। आध्यात्मिक अनुष्ठान से श्रावक समाज ने बहुत कुछ पाया है। श्रद्धा भक्ति से हरा भरा है। यह चातुर्मास करके हमे परम प्रसन्नता हुई है। मुनि श्री रमेश कुमार जी, मुनि श्री रत्न कुमार जी दोनो संत परिश्रमी लंबी यात्रा करने वाले, साधक, श्रावक समाज को जागृत किया है। आपका उपकार टिटिलागढ़वासी कभी भूल नही पाएंगे।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा- हम सौभाग्यशाली है कि ऐसा मर्यादित, अनुशासित, संगठित धर्मसंघ मिला। जिस संघ में रह कर आत्मिक आराधना साधना कर रहे है। साधु-साध्वी की प्रमोद भावना एक-दूसरे के प्रति सौहार्द भाव अनुकरणीय है। श्रावक समाज की श्रद्धा निष्ठा, धर्मसंघ के प्रति, गुरुदेव एवं साधु-साध्वियों के प्रति अनुकरणीय है।
मुनि रमेशकुमारजी मुनि रत्न कुमार जी ने श्रावक समाज मे धर्म की लहर चलाई है। आप दोनो संतो की प्रमोद भावना बडप्पन भाव जीवंत प्रेरणा है। आपका जीवन – प्रेरणादायी है।
मुनि रत्न कुमारजी ने ने कहा- टिटलागढ में नित नए कार्यक्रम चले। सफलतम चातुर्मास करके परम प्रसन्नता हुई है। संतों का मिलन से हर्ष होता है। टिटलागढ़ का श्रावक समुदाय मुनिश्री की इंगित आराधना की है। सभा, युवक परिषद, महिला मण्डल, किशोर मण्डल ने चातुर्मास को सफल बनाने में योगदान दिया है। तप-जप अनुष्ठान से श्रावक समाज ने लाभ लिया है। पूज्य गुरुदेव की अनुकम्पा से मुनि श्री का परिश्रम, प्रज्ञा,साधना और श्रावक समाज के सहयोग से सब कुछ संभव हुआ है।
मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया- कांटाबाजी एवं टिटलागढ़ का ऐतिहासिक चातुर्मास सम्पन्नता के बाद दोनो सिंघाडों के मिलन से जनमानस मे अनूठा उत्साह था। कार्यक्रम का शुभारम्भ बेलपाड़ा महिला मण्डल के मंगलाचरण से हुआ। शंकर जैन ने स्वागत वक्तव्य, सभा अध्यक्ष पृथ्वीराज जैन, कांटाबां सभा अध्यक्ष युवराज जैन, कन्या मण्डल बेलपाडा, महासभा आंचलिक प्रभारी छत्रपाल जैन, प्रांतीय सभा अध्यक्ष मुकेश जैन, टिटलागढ़ सभा मंत्री गीतम जैन, प्रिंसिपल बी सरकार (आस्था स्कूल), शिक्षक पुष्पा सरकार (आस्था स्कूल), आस्था स्कूल से यश मिश्रा , विक्रम अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये। बेलपाड़ा ज्ञानशाला ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी, कांटाबांजी महिला मंडल ने न्यूज़ चैनल के माध्यम से चातुर्मास की झलकियां प्रस्तुत की। कांटाबांजी तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन के जैन संस्कारक बनने पर तेरापंथ सभा , तेयुप कांटाबांजी एवं शाखा प्रभारी गौतम जैन ने साहित्य मोमेंटो एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया। आभार ज्ञापन गौतम जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन विकास जैन ने किया।