आत्मा को उज्ज्वल बनाता है धर्म -मुनि कुमुद

तीन अठ्ठाई तपाभिनन्दन

कांटाबांजी (वर्धमान जैन): तपाभिनंदन के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा – वह धर्म उत्कृष्ट मंगल है जिसके लक्षण अहिंसा, संयम और तप होता है। व्यक्ति धर्म करता रहें और आत्मा उज्ज्वल नही बनें तो आत्मचिंतन करना चाहिए। अहिंसा साधु और श्रावक दोनों की साधना का मुख्य अंग है। अहिंसा के कारण कितने ही नियमों की पालना अपने आप हो जाती है।पापभीरु व्यक्ति अहिंसा व्रत का पालन करता है। श्रावक को अनावश्यक हिंसा से बचना चाहिए।संयम के विविध प्रकार है। इन्द्रियों का संयम, मन का संयम, जीभ का संयम,पदार्थों का संयम। कषाय संयम की साधना तो सर्वोत्कृष्ट है। आध्यात्मिक एवं व्यवहारिक दृष्टिकोण से कषाय संयम करना बहुत ही उपयोगी है।संयमित जीवन शैली सुख का राजमार्ग है। असंयम की भोगप्रधान जीवन शैली तनाव, डिप्रेशन, बीमारी और अनेकों समस्याओं को जन्म देती है।भोगवादी जीवन जीने के लिए व्यक्ति सही पथ से भटक जाता है। तप के विविध प्रकार जैन धर्म में बताए गए हैं। केवल निराहार रहना ही तप नही है , अपितु तप के बारह प्रकार है ध्यान, स्वाध्याय, प्रतिसंलीनता , विनय इत्यादि। किसी न किसी माध्यम से आत्मा को खुराक मिलती रहनी चाहिए।तप करने वाला आत्मकल्याण करने के साथ औरों के लिए भी प्रेरक बनता है। चिन्मय जैन ने आध्यात्मिक अनुष्ठान के साथ बड़े ही मनोयोग से तप किया है। परिवार में गोचरी एवं सेवाभावना का भाव सदैव उत्कृष्ट रहा है। पीयूष जैन ने स्वेच्छा से जागरूकता के साथ तपाराधना की परिवार के प्रत्येक सदस्य में धर्म के प्रति लगाव है। परिवार में धर्म के संस्कार भाव बढ़ता रहें। सुश्री निकिता अग्रवाल ने तेले का भाव व्यक्त कर अठ्ठाई तप कर हिम्मत का परिचय दिया है। तपस्या के साथ नियमित प्रवचन श्रवण, दर्शन, सामायिक आराधना करके तपस्या को सार्थक बनाया है।कांटाबांजी श्रावक श्राविकाओं में धर्म आराधना की भावना अच्छी है।


मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया – चिन्मय जैन 9, पीयूष जैन -8 , सुश्री निकिता अग्रवाल -8 की तपस्या का अभिनन्दन हुआ। तेरापंथ सभा मंत्री सुमीत जैन, तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष दीपक जैन, तेरापंथ कन्या मंडल संयोजिका सुश्री पूजा जरवालिया , मास्टर अमन जैन, सुश्री आंचल – तनिष्का जैन, श्रीमती शीतल – श्रीमती चंचल जैन, श्रीमती किरण बनमाली ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा तप अनुमोदना की। सभा द्वारा तपस्वियों को साहित्य से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री सुमीत जैन ने किया।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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