कविता: कोविड-19और भावुक मन

● प्रधान पाठक सनत कुमार यादव ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाते हुए उनकी कलम से ———-✍🏻नयी कविता

एक तरफ ,
वायरस का ताण्डव ,
दुसरी तरफ ,
जीने की उम्मीदें ,
हसरतें सजाता ख्याली सुखद मण्डप ।।1।।
धड़कनें तेज ,
कांपता हृदय ,
अज्ञात भय ,
कहीं प्रिय का साथ छूट न जाये ?
या खुद चीर-काल सो न जाऊँ ।।2।।
रत्ती भर आश और शेष ,
जाने को लक्ष्य तक ,
कदम-ताल करता पग ,
क्या न थकित , न श्रमित होऊँ ?
या गंतव्य तक पहुँच न पाऊँ ।।3।।
जीवन-पीच के रंगमंच से ,
कई विकेट हैं गिरे धरा पर ,
खेलना तो था लम्बी पारी ,
कौन फेंक रहा ये गुगली ?
सामने खड़ा यक्ष प्रश्न ,
जवाब तलाशता भावुक मन ,
हे ! ब्रह्माण्ड को रचने वाले क्या हर ओव्हर में रिस्क उठाऊँ ?
या कुछ में बल्ला डिफेंस चलाऊँ ।।4।।

: रचियता :
सनत कुमार यादव
शिक्षक (M.A.in Hindi, D.ed.)
निवास ग्राम – देवभोग

सभी आम नागरिकों से विनम्र अनुरोध है, कि टीका अवश्य लगा ले वें । कोविड वायरस से बचने का एक मात्र उपाय टीकाकरण ही है ।और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उचित ही है ।साथ ही हमेशा साबुन से हांथ धोंयें , सार्वजनिक जगह पर मास्क पहनें एवं सेनेटाइजर का उपयोग जरूर करें।

छत्तीसगढ़ स्टेट ब्यूरो चीफ उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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