कैदी नही देश के कार्यकर्ता बनें -मुनि प्रशांत
कोकराझार (वर्धमान जैन): आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री प्रशांत कुमार जी मुनिश्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में कोकराझार जिला कारागृह में आयोजित प्रवचन में सम्बोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा – हमारा हमेशा से यही संकल्प रहता है कि जीवन भर पदयात्रा करना। पदयात्रा के माध्यम से अच्छा जीवन जीने की बात कहते है।इस कारागृह में इंसानियत की बात कहने आए है। एक अच्छा इंसान बनकर रहना है। अपने जीवन में अच्छा कार्य करें।हम अपनी बुद्धि को सद्कार्यों में लगाए जिससे स्वयं के जीवन का कल्याण हो तथा दूसरों के लिए भी कुछ अच्छा कर सकें।बुराई से बचने के लिए गलत व्यक्ति का साथ छोड़ दें। हमें जो शरीर मिला है इसमें परमात्मा विराजमान है।हम अपने शरीर का गलत उपयोग नहीं करें। दूसरों का नुकसान नहीं करें। हमारे विचारों में हमेशा पवित्रता, अच्छाई रहें।हर इंसान के साथ अपनापन रखें। अपने राष्ट्र का नुकसान,देश के नागरिक का नुकसान कभी नहीं करें। यहां कारागृह में रहते हुए अपने व्यवहार, आचरण को अच्छा बनाए। जीवन को उज्ज्वल बनाने का प्रयास करना है उससे भविष्य अपने आप सुखद बनेगा।देश की सेवा करने का संकल्प करना है। कैदी नही देश के कार्यकर्ता बनें।
मुनिश्री कुमुद कुमार जी ने कहा – हमें यह मनुष्य जन्म मिला है इसका सदुपयोग करें। गुस्सा एवं नशा दोनों हमारे विवेक को नष्ट कर देता है।इन दोनों के कारण व्यक्ति अपराध की ओर बढ़ता है।नशे एवं गुस्से में व्यक्ति हत्या एवं आत्महत्या जैसा जघन्य अपराध कर लेता है। अहिंसा, सद्भावना में जीने वाला कभी दूसरों का अहित नहीं करता है।चोरी जैसे दूसरे आपराधिक कार्य भी व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते है। अहिंसा, सद्भावना, भाईचारे से हम शांति,सुकुन का जीवन जी सकते है।हम मनुष्य है सही मायने में मानवता का जीवन जिएं। इंसानियत हमारा धर्म है इसका पालन अवश्य करना चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ कैदी के भजन से हुआ। कोकराझार जिला कारागृह के सुप्रीटेंडेंट रविराम इंगती, मालचंद भूरा, कैदी डेविड बसुमतारी, ने भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। तेरापंथ युवक परिषद ने अणुव्रत गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री कन्हैयालाल चौपड़ा ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष विजय भूरा ने किया। सभा द्वारा साहित्य से सम्मानित किया गया।