Flight Ticket: हाल के दिनों में महंगे विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) के कारण पहले से परेशानी झेल रहे विमान कंपनियों को हवाई किराया बढ़ाना पड़ा. इसका असर यात्रियों की कम होती संख्या के रुप में देखने को मिला है. इस बीच यात्रियों की संख्या, विमान कंपनियों की कमाई और मांग-आपूर्ति पर विस्तारा (Vistara Airlines) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विनोद कन्नन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हवाई किराया काफी हद तक आपूर्ति और मांग पर निर्भर करता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि विमान टिकट के दाम ऐसे ‘अनुकूल स्तर’ पर आ जाएंगे, जहां लोग यात्रा करेंगे और एयरलाइंस कमाई करेंगी. टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्त उद्यम विस्तारा अभी प्रतिदिन लगभग 320 उड़ानों का परिचालन करती है. हवाई टिकटों की कीमतें अधिक होने की कुछ हलकों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब टिकट के दाम बढ़ते हैं, तो लोग शिकायत करते हैं, लेकिन जब दाम घटते हैं, तो कोई इसकी सराहना नहीं करता. उन्होंने कहा कि साल में कई बार किसी विशेष सीजन में दाम चढ़ते हैं. 2023 में हमारा किराया तो 2022 से भी कम था.
दिल्ली मुबंई का औसत किराया एक साल से नहीं बढ़ा
विनोद कन्नन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ उपाय किए गए हैं कि हवाई किराया ‘अतार्किक’ नहीं हो. खासकर प्राकृतिक आपदा या कुछ विशेष घटना होने पर. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह कीमत बढ़ाने का अवसर नहीं है. यदि आप सालाना आधार पर देखें, तो पिछले 20 साल के दौरान दिल्ली से मुंबई के किराये में बदलाव नहीं आया है. यदि आप एक व्यक्ति द्वारा भुगतान किए गए औसत किराये को देखें 2000 के दशक की शुरुआत में और आज में बहुत अंतर नहीं पाएंगे. हालांकि, इस दौरान लागत काफी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह क्षमता बढ़ोतरी, किफायती एयरलाइंस की संख्या में वृद्धि और कई अन्य बाते हैं. मूल्य निर्धारण आपूर्ति और मांग का एक कार्य है. हम उम्मीद करते हैं कि टिकट का दाम ऐसे अनुकूल स्तर पर आएगा जहां लोग यात्रा करेंगे और एयरलाइंस पैसा कमाएंगी. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत में हवाई किराया उस स्तर तक पहुंच जाएगा, जहां यह वैश्विक स्तर की बराबरी कर लेगा, कन्नन ने कहा कि यह वृद्धि का रुख तय करेगा.
क्लास बी और सी सिटी के लोग भी कर रहे यात्रा
एक सवाल का जवाब देते हुए विनोद कन्नन ने कहा कि हम शायद कुछ पश्चिमी बाज़ारों जितने परिपक्व नहीं हैं. यह एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, और यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम कहां उड़ान भरते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर अब अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं. वे ‘परिपक्व’ हो रहे हैं. विस्तारा पिछले नौ साल से उड़ान भर रही है. फिलहाल इसके एयर इंडिया में विलय की प्रक्रिया चल रही है. टाटा समूह ने नवंबर, 2022 में एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की थी. इस सौदे के तहत सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. कन्नन ने स्पष्ट किया कि यह विलय वृद्धि के लिए है लागत कटौती के लिए नहीं, लोगों को नौकरी का नुकसान नहीं होगा. निश्चित रूप से उनके पास एक बड़ी इकाई में नौकरी पाने का अवसर होगा.
(भाषा इनपुट के साथ)