S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वैश्वीकरण जीवन का एक तथ्य है, हमें इसके नकारात्मक परिणामों को कम करके इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए. जानकारी हो कि विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को एक कार्यक्रम के लिए पुणे में थे, जहां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनकी पुस्तक ‘द इंडिया वे’ के मराठी अनुवाद का अनावरण किया.
‘आपूर्ति श्रृंखला और डेटा प्रबंधन आज की दुनिया में एक बड़ी चुनौती’
इस अवसर पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, “आपूर्ति श्रृंखला और डेटा प्रबंधन आज की दुनिया में एक बड़ी चुनौती है. उद्योग को बढ़ावा देकर देश में तकनीक और उत्पादन क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. भारत मार्ग (इंडिया वे) आज की वैश्विक स्थिति में दूसरों के लिए एक उपयोगी विचार है. अगर यह इसी रास्ते पर चलता रहा तो भारत में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है.
‘विदेश नीति के छह प्रमुख स्तंभ’
उन्होंने कहा, “विदेश नीति के छह प्रमुख स्तंभ आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास, सहयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा, वैश्विक एजेंडा और अन्य देशों में भारतीयों के विचार हैं.” मंत्री ने वैश्विक पहुंच के संदर्भ में मेक इन इंडिया आंदोलन के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया देश के विकास के पीछे मुख्य प्रेरक शक्ति है. घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत किया जाना चाहिए और वैश्विक बाजार से भी जोड़ा जाना चाहिए. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म और मध्यम आकार के व्यवसायों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
फडणवीस ने की कोविड काल के दौरान एस जयशंकर के काम की प्रशंसा
फडणवीस ने कोविड काल के दौरान एस जयशंकर के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत ने कई मामलों में कड़ा रुख अपनाया, यहां तक कि अमेरिका को भी नियमों में ढील देने और कोविड काल के दौरान सामग्री उपलब्ध कराने के लिए मजबूर किया. फडणवीस के अनुसार, “कई विकासशील देश भारत को अपनी आवाज के रूप में देखते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाहरी प्रभाव से मुक्त एक स्पष्ट और मजबूत विदेश नीति स्थापित की है.”