कोलकाता, (बर्धमान जैन): अणुव्रत संपर्क यात्रा के तहत अणुविभा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का अभिनंदन समारोह एवं नशामुक्ति कार्यशाला का आयोजन अणुव्रत समिति कोलकाता द्वारा महासभा भवन कोलकाता के भिक्षु ग्रंथागार में शंखनाद के साथ अणुव्रत का आगाज हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ अणुविभा के अध्यक्ष श्री संचय जी जैन ने दीप प्रज्वलित किया। शुभारम्भ मंगलाचरण से हुआ। अणुव्रत समिति कोलकाता के अध्यक्ष श्री प्रदीप जी सिंघी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में आगंतुक महानुभावों अणुविभा अध्यक्ष श्री संचय जी जैन, महामंत्री श्री भीखमचंद जी सुराणा, उपाध्यक्ष श्री प्रताप जी दुगड़, मीडिया प्रभारी श्री पंकज जी दुधोड़िया का स्वागत अभिनन्दन किया। अणुव्रत समिति कोलकाता की उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता जी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कार्यक्रम में महासभा के पूर्व महामंत्री श्री भंवरलाल जी सिंघी, TPF राष्ट्रीय जोनल अध्यक्ष श्री सुशील जी चोपड़ा, टॉलीगंज सभा अध्यक्ष श्री माणक जी डागा, तेरापंथी विद्यालय अध्यक्ष श्री अशोक जी पारख, मित्र परिषद अध्यक्ष श्री मूलचंद जी डागा, पूर्वांचल सभा अध्यक्ष श्री संजय जी सिंघी, हावड़ा अणुव्रत समिति मंत्री श्री राजेश जी बोहरा, कोलकाता सभा मंत्री श्री अजय जी भंसाली, TPF साउथ कोलकाता मंत्री श्री प्रवीण जी सिरोहिया, TYP साउथ कोलकाता मंत्री श्री रोहित जी दुगड़, TPF कोलकता अध्यक्ष प्रीति जी जैन, तेयुप कोलकता मेन संगठन मंत्री श्री नमन जी सुराणा की गरिमामयी उपस्थिति रही। उपाध्यक्ष श्री प्रताप जी दुगड़ अणुव्रत को मानव जाति के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण बताया । आज सभी अणुव्रत की संस्थाओं का अणुविभा में विलय हो गया है। नशामुक्ति, पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। हम जीवन विज्ञान से एक स्थायी प्रकल्प के रूप में जुड़ सकते हैं।महामंत्री श्री भीखमचंद जी सुराणा ने कहा कि हमारी संपर्क यात्रा बहुत सफल रही। पंजीकृत समितियां ही अणुविभा की सदस्य बन सकती हैं। अणुव्रत और बच्चों का देश पत्रिका से परिवारों को जुड़ने के लिए आह्वान किया और बताया कि जीवन विज्ञान और बालोदय जैसी योजनाएं बदलाव की प्रयोगशाला है। आदरणीय अब्दुल कलाम साहब वहां के प्रकल्पों को देखकर बहुत प्रभावित हुए। वर्तमान में श्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इन प्रकल्पों को बहुत ही उपयोगी बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संचय जैन ने कहा राजसमंद में शैक्षणिक टूर आयोजित हो जिससे बच्चों का सर्वांगीण निर्माण हो सके क्योंकि भावात्मक मस्तिष्क के बिना सर्वांगीण विकास संभव नहीं।चुनाव शुद्धि, जेल में बंद कैदियों के सुधार के लिए अणुव्रत के नियमों का संकल्प मील का पत्थर साबित होगा। अणुव्रत की गति प्रगति के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे 10 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी हो चुके हैं। राष्ट्रीय महानगर के संपादक श्री प्रकाश जी चिंडालिया ने आचार्य श्री तुलसी और महात्मा गांधी को नैतिकता का पुरोधा बताया। आज की सबसे अहम समस्या है तलाक आदि जिसका समाधान है सिर्फ अणुव्रत। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री पंकज जी ने शिक्षकों को आह्वान करते हुए कहा कि अगर शिक्षक संकल्पित हो जाये तो निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है और बच्चों में आत्महत्या जैसी कुंठा को पनपने से रोका जा सकता है। श्रीमती चमन जी ने अणुव्रत की अभिव्यक्ति अपनी कविता के माध्यम से दी। श्रीमती शशि जैन जो कॉरपोरेट स्तर पर सम्मेलन आयोजित करती हैं, उन्होंने भी अपना पूर्ण योगदान देने की बात कही। अंत मे राष्ट्रीय गान के द्वारा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।