निसीम इजे़किल ने भारतीय अंग्रेज़ी कविता को नई दिशा दी -मालाश्री लाल
नई दिल्ली (रजत बंसल): साहित्य अकादेमी द्वारा आज प्रसिद्ध भारतीय अंग्रेजी कवि निसीम इजे़किल की जन्मशताब्दी पर दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। संगोष्ठी का आरंभिक वक्तव्य साहित्य अकादेमी की अंग्रेजी भाषा की संयोजक मालाश्री लाल ने दिया और उद्घाटन वक्तव्य एमएमआईएएस की सहनिदेशक निलोफर भरूचा ने प्रस्तुत किया। स्वागत वक्तव्य साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव द्वारा दिया गया और प्रख्यात चित्रकार जतिन दास ने उनके साथ मुंबई में बिताए समय के संस्मरण प्रस्तुत किए। आरंभिक वक्तव्य देते हुए मालाश्री लाल ने कहा कि निसीम इजे़किल ने भारतीय अंग्रेज़ी कविता को नई दिशा दी। उनकी कविता ने भारतीय अंग्रेजी कविता पर गहरा प्रभाव डाला जो बहुविद् और बहुआयामी था। इस तरह के उत्कृष्ट लेखक कभी-कभी ही पैदा होते हैं। उद्घाटन वक्तव्य देते हुए निलोफर भरूचा ने निसीम इजे़किल के पढ़ाने के रोचक तरीकों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि निसीम इजे़किल ने अल्पसंख्यकों के बारे में भी गहरे भावनात्मक स्तर पर जाकर लिखा। उनको सच्चा मुंबईकर के रूप में याद करते हुए कहा कि वे मुंबई की संस्कृति से जुड़े अनेक पक्षों को अपनी कविता में लाते रहे हैं। उन्होंने उनके द्वारा लिखे गीतों की भी चर्चा की, जो उन्होंने अपने गायक भतीजे के लिए लिखे थे। जतिन दास ने 1959 के दौरान उनके साथ बिताए अपने बंबई के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह मेरे नज़दीकी दोस्त थे और हम सब मित्र जिसमें दिलीप चित्रे भी होते थे, के साथ बहुत अच्छा समय बिताया।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि यह वह समय था जब आपके संबंधांे के बीच आपकी अमीरी या धर्म आड़े नहीं आता था। अपने स्वागत वक्तव्य में के. श्रीनिवासराव ने कहा कि निसीम इज़ेकिल भारतीय कविता के एक बड़े नाम हैं और उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उद्घाटन सत्र में ही निसीम इजे़किल की बेटी कविता इजे़किल मेनडोंका द्वारा अपने पिता पर लिखी पुस्तक पर मालाश्री लाल से की गई बातचीत की रिकार्डिंग भी प्रस्तुत की गई। उद्घाटन सत्र के बाद दो अन्य सत्र अनीसुर रहमान एवं निलोफर भरूचा की अध्यक्षता में संपन्न हुए, जिसमें निसीम इजे़किल और अंग्रेज़ी में भारतीय कविता तथा श्रद्धांजलि और कविता-पाठ विषय पर प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किए। इसमें सुदीप सेन, मंजू जैदका, विनीता अग्रवाल, राधा चक्रवर्ती और अंजना नाइरा देव ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव कृष्णा किम्बहुने ने किया।