हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे अनंत चौदस भी कहा जाता है। इसे भगवान विष्णु का समर्पित किया जाता है, इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 01 सिंतबर दिन मंगलवार को है।
अनंत चतुर्दशी महत्व
इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को 14 वर्षों तक लगातार करने से मनुष्य विष्णु लोक को प्राप्त करता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत अवतारों की पूजा की जाती है, इसलिए यह व्रत अनेकों गुना अधिक फलदायक माना गया है। इस दिन सर्वप्रथम पांडवो नें व्रत किया था। जब महाभारत के युद्ध से पहले पांडवों ने जुआ खेला था, तब उनका सारा धन नष्ट हो गया। तब उन्होंने भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हुए उपाय पूछा, तब श्रीकृष्ण जी ने कहा की जुआ खेलने के कारण लक्ष्मी तुमसे रुठ गई हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन आपको भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। तभी से यह व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं।
पूजा की विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। किसी पटरी पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी रखें। एक सूती धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगें और अनंत सूत्र बनाएं इस सूत्र में चौदह गांठें लगाएं। इस सूत्र को भगवान विष्णु के समक्ष रख दें, अब विधिवत् भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें। इस वर्ष 01 सितंबर की सुबह 05 बजकर 59 से 09 बजकर 41 मिनट तक अनंत चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त है।