वैदिक देवता के रूप में सर्वमान्य देव शिल्पी विश्वकर्मा अपने विशिष्ट ज्ञान-विज्ञान के कारण मानव ही नहीं, देवगणों द्वारा भी पूजित हैं। कहते हैं देव विश्वकर्मा के पूजन के बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं होता।
पंचांग 16 सितंबर 2020
दिन: बुधवार, आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि।
दिशाशूल: उत्तर।
विशेष: सूर्य की कन्या संक्रांति।
भद्रा: प्रात: 09:33 बजे तक।
विक्रम संवत 2077 शके 1942 दक्षिणायन, उत्तरगोल, शरद ऋतु शुद्ध आश्विन मास कृष्णपक्ष की चतुर्दशी 19 घंटे 57 मिनट तक, तत्पश्चात् अमावस्या मघा नक्षत्र 12 घंटे 21 मिनट तक, तत्पश्चात् पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिद्धि योग 07 घंटे 41 मिनट तक, तत्पश्चात् साध्य योग सिंह में चंद्रमा।