भिवंडी, (सुरेश यादव): समाजवादी पार्टी भिवंडी के भूतपूर्व अध्यक्ष अब्दुल्लाह अंसारी के एमआईएम मे शामिल होने से समाजवादी पार्टी को जोरदार झटका लगा है। भिवंडी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र मे समाजवादी पार्टी को मजबूत करने की सपाइयो की कोशिश नाकाम साबित होती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी भिवंडी के अध्यक्ष रहे अब्दुल्लाह अंसारी के कार्यकाल के दौरान भिवंडी मे समाजवादी पार्टी मजबूत होकर उभरी थी। महानगरपालिका चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव मे भी जबर्दस्त सफलता हाथ लगी थी। इसके बाद महाराष्ट्र प्रदेश के महासचिव और मालेगांव का प्रभारी भी अब्दुल्लाह अंसारी को बनाया गया था। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के बीच हमेशा मित्रवत व्यवहार रखने वाले अब्दुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के बीच काफी लोकप्रिय थे। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी का जनाधार भले ही भिवंडी पूर्व विधानसभा मे मजबूत हो लेकिन पश्चिम विधानसभा क्षेत्र मे समाजवादी पार्टी अपने मजबूत जनाधार के लिए मशक्कत कर रही थी। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र मे समाजवादी पार्टी के मजबूत और बड़े जनाधार वाले नेता अब्दुल्लाह अंसारी माने जाते थे। अब्दुल्लाह अंसारी का समाजवादी पार्टी छोड़कर एमआईएम मे शामिल होना यह बता रहा है कि मजबूत जनाधार वाले वरिष्ठ नेताओ की पार्टी मे उपेक्षा की जा रही है। अब्दुल्लाह अंसारी ने एमआईएम के वरिष्ठ नेता वारिश पठान के मौजूदगी मे एमआईएम का दामन थाम लिया जिससे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र मे एमआईएम को मजबूती मिली है।भिवंडी मे समाजवादी पार्टी के लिए अगामी विधानसभा या महानगरपालिका के चुनाव मे जीत आसान नही होगी। क्योंकि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वीयो ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ अभी से ही जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पिछले दिनो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री जितेंद्र अवहाण भिवंडी आए थे। भिवंडी दौरे के दौरान समाजवादी पार्टी के खासमखास माने जाने वाले अकील शेख के घर भी गये थे जहा पर राकांपा नेता का जोरदार ढंग से स्वागत किया गया था। राकांपा नेता और अकील शेख के मुलाकात से राजनीतिक गलियारे मे यह चर्चा है कि अकील शेख की राकांपा से नजदीकी भविष्य मे समाजवादी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।