वदायूँ (यूपी): किसान बिरोधी तीनो अध्यादेश व बेरोजगारी एंव आम जनता की स्थानीय समस्याओं के बिरोध मे राष्ट्रीय लोकदल का जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व मे राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया जाना तय था लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य विंग और युवा बिंग के अध्यक्षो को उनके पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ सुबह 10 बजे से रालोद कार्यालय पर जिला प्रशासन ने पुलिस द्वारा नजरबंद कर दिया जब रालोद कार्यकर्ता 12 बजे लगभग पुलिस से बचकर कलैक्टर जाने लगे तभी रास्ते में ही पुलिस द्वारा सभी को रोक लिया जिसके बिरोध मे कार्यकर्ताओं के द्वारा सरकार के बिरोध मे नारेवाजी की गयी और कार्यकर्ता कलैक्टैट मार्ग पर सडक पर ही बैठ गये जहां प्रशासनिक अधिकारी स्वयं आये और फिर ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रीय लोकदल के कार्यालय पर उपस्थित जिलाअध्यक्ष जितेंद्र सिंह यादव व युवा जिलाअध्यक्ष योगेश यादव ने कहां भारत एक कृषि प्रधान देश है और खेती किसान ने कोविड १९ महामारी के और लॉक डाउन के चलते भी लगातार उत्पादन एवं रोज़गार देकर देश की GDP में योगदान दिया है जबकि उद्योग धंधे व रोज़गार क्षेत्र में गिरावट रही है फिर भी केंद्र सरकार शाबाशी की बजाय किसान व उसकी खेती को ख़त्म करने पर आमादा है । केंद्र सरकार द्वारा जारी तीनों अध्यादेश /बिल संसद में बिना विस्तृत चर्चा के आनन फ़ानन में पास करा लिए जो किसी भी दशा में किसान हित में नहीं है ।
रालोद क्षेत्रीय रोहिलखण्ड महासचिव ध्रुव सिंह व दातागंज युवाअध्यक्ष सोमेन्द यादव ने कहा
कि हम मांग करते हैं । कि देश के किसानों के विरोध में पारित किए गए तीनो कानूनों को सरकार वापस ले । और हम महामहिम राष्ट्रपति महोदय से निवेदन करते हैं कि इन कानूनों को सरकार के पास वापस भेजने का कष्ट करें ये तीनो कानून गरीब, छोटे तथा मंझोले किसानों के विरोधी है। इन कानूनों के जरिये किसानों को कॉर्पोरेट के गुलामो में तब्दील करने की साजिश की जा रही है। इसलिए इन्हें स्वीकार नही किया जा सकता। जमाखोरी बढ़ेगी जिसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिये किसान अपनी ही जमीन पर गुलाम बना दिए जाएंगे।लेकिन सरकार किसानों की बात नही सुन रही है। हम भी कहना चाहते है कि किसानों मज़दूरों व् गरीबो की आवाज की लाठी गोली व् जेल का भय दिखाकर नही दबाया जा सकता संघर्ष जारी रहेगा।
छात्र सभा अध्यक्ष प्रमोद कुमार, तथा छात्र सभा उपाध्यक्ष रामलखन यादव एडवोकेट एवं जिला प्रभारी चौधरी अनिल यादव व महासचिव भानु प्रताप ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों पर थोपे तीनों क़ानून किसान विरोधी है और इनसे किसान तो बर्बाद होगा ही लेकिन जनसाधारण भी मरणासन्न अवस्था में पहुँच जायेगा, जनता असंतोष से आक्रोशित होगी । सरकार को यह किसान बिरोधी कानून छलावा है किसानों के पिछले सत्र का करोड़ों रुपया मिलों पर बकाया है, धान ख़रीद केन्द्र नहीं खोल रहे, ऊपर से सरकारी देय, बिजली बिल पर उत्पीड़न, स्कूल फ़ीस का तक़ाज़ा और बैंकों की दादागिरी ने किसान को भुखमरी और लाचारी में धकेल दिया है, आत्महत्या पर मजबूर किया जा रहा है ।
इस मौके पर शिवम पाठक, जलज यादव, धर्मेंद सिंह एडवोकेट, विपिन यादव, बीरेश यादव, अतराज ,विनोद शाक्य, फैज,अता खान, रिषभ सक्सेना, आर्पित गुप्ता, हसरत अली, आशीष यादव, जयकिशन लाल शर्मा, वीशेष यादव, अभिषेक , हेमलता, नेहा, ओमवीर सिंह, ओमपाल सिंह, धीरपाल सिंह, नेताजी अनिल यादव, जगत पाल, दानवीर सिंह बीरेश शर्मा, वीरपाल सिंह आदि मौजूद रहे ।